Jharkhand News: फंड में हैं लाखों रुपये, लेकिन मानव तस्करी के शिकार बच्चों को नहीं मिलती सुविधाएं, ये है वजह

Jharkhand News: जिस मकसद से सरकार राशि देती है. उस पर खर्च नहीं किया जाता है. यही वजह है कि मानव तस्करी के खिलाफ अभियान चलाने वाले कर्मी भी ठीक ढंग से काम नहीं कर पाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2021 1:02 PM

Jharkhand News: मानव तस्करी (human trafficking news 2021) रोकने, अभियान चलाने व जरूरत के समय बच्चों की मदद करने के लिए गुमला के समाज कल्याण कार्यालय के फंड में लाखों रुपये हैं, लेकिन इस राशि का खर्च नहीं हो पा रहा है. जरूरत के समय फंड भी नहीं दिया जाता है. जिससे खाता में पैसा पड़ा हुआ है. जिस मकसद से सरकार राशि देती है. उस पर खर्च नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि गुमला में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान चलाने वाले कर्मी भी ठीक ढंग से काम नहीं कर पाते हैं.

सरकार लाखों रुपये मानव तस्करी (human trafficking in jharkhand) पर रोक के लिए गुमला जिला को देती है. यह फंड जिला समाज कल्याण कार्यालय के खाते में आता है, परंतु ये राशि खर्च नहीं हो पा रही है. यहां तक कि मानव तस्करी के शिकार बच्चों को भी समय पर मदद नहीं मिल पाती है और वे दोबारा तस्करी के शिकार हो जाते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी गुमला के पास आपातकाल के लिए 40 हजार रुपये का फंड हर महीने रहना है, परंतु विभाग द्वारा बाल संरक्षण पदाधिकारी को उक्त राशि नहीं दी जाती है. जिस कारण जरूरत पड़ने पर बाल संरक्षण पदाधिकारी को परेशानी झेलनी पड़ती है. यहां तक कि मानव तस्करी रोकने व अभियान चलाने के लिए हर साल चार लाख रुपये मिलता है. वह राशि भी खर्च नहीं हो पाती है और पैसा खाते में पड़ा रहता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी फंड में लाखों रुपये जमा हैं.

Also Read: Jharkhand News: चक्रवाती तूफान जवाद का असर, खराब मौसम के कारण भुवनेश्वर से लौटा एयर इंडिया का विमान

सीडब्ल्यूसी कार्यालय व जेजे बोर्ड कार्यालय को चाइल्ड फ्रेंडली कक्ष बनाना है. जिस भवन में कार्यालय संचालित होता है. उस भवन की दीवारों में बच्चों के ज्ञानवर्धन के स्लोगन लिखा रहना जरूरी है. साथ ही महापुरुषों की फोटो, कार्टून दीवार में बनाना है, परंतु अभी तक दोनों केंद्रों को चाइल्ड फ्रेंडली कक्ष नहीं बनाया गया है. चाइल्ड फ्रेंडली कक्ष बनाकर बच्चों को सुंदर माहौल देना है. अभी स्थिति यह है कि मानव तस्करी (human trafficking articles) के शिकार बच्चों को जब लाया जाता है. तो उन्हें सिर्फ बैठने के लिए टेबल मिलता है और सामने में सीडब्ल्यूसी के सदस्य रहते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि सीडब्ल्यूसी कार्यालय व जेजे बोर्ड कार्यालय में जो सुविधाएं होनी चाहिए. वह सुविधा भी नहीं है. हालांकि अभी सीडब्ल्यूसी का पद रिक्त है. सभी काम समाज कल्याण कार्यालय, गुमला से होता है.

Also Read: कौन हैं सूबेदार मेजर सहदेव महतो, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय जवानों तक पहुंचाया था गोला-बारूद

मानव तस्करी (human trafficking laws) के शिकार बच्चे जब सीडब्ल्यूसी कार्यालय आते हैं तो उन्हें कुछ खाने पीने की सामग्री देने का प्रावधान है, परंतु फंड नहीं मिलने के कारण बच्चों को ये सुविधा नहीं मिल पाती है. बच्चों को बिस्कुट, समोसा या अन्य कोई खाद्य सामग्री देना है, परंतु कभी भी बच्चों को समोसा व बिस्कुट खाने को नहीं दिया गया है. बच्चे आते हैं. उनसे पूछताछ होती है. इसके बाद बालगृह या फिर घर भेज दिया जाता है.

Also Read: Jharkhand News: बालिका आश्रम विद्यालय निर्माण स्थल पर धमके अपराधी, मजदूरों को पीटा, काम बंद करने की दी धमकी

सीडब्ल्यूसी के पूर्व सदस्य संजय भगत ने कहा कि प्रावधान के अनुरूप जो बच्चे मानव तस्करी (human trafficking news) व अन्य कारणों से घर से बाहर चले जाते हैं और उन्हें जब सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो बच्चों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. इसमें बच्चे जब कार्यालय आते हैं तो उन्हें खुश करने के लिए कुछ खाने पीने की व्यवस्था करनी है और उनसे प्रेम भाव से बात करनी है. परंतु विभाग के पास फंड रहने के बावजूद खर्च नहीं हो पाता है.

Also Read: Jharkhand News: PLFI का एरिया कमांडर समेत 13 नक्सली गिरफ्तार, लूट की रकम से हथियार खरीदने की थी तैयारी

गुमला के जिला समाज कल्याण कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि पहले और अब की स्थिति में बदलाव आया है. मानव तस्करी (human trafficking act) व अन्य कारणों से पीड़ित बच्चों को जो लाभ देना है. वह लाभ दिया जा रहा है. अगर समोसा व बिस्कुट देने की बात है तो अगर संबंधित अधिकारी व एनजीओ वाउचर बनाकर देते हैं तो फंड उपलब्ध कराया जाता है. अभी बच्चों को जिला समाज कल्याण कार्यालय में प्रस्तुत कर सुनवाई की जा रही है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान

Next Article

Exit mobile version