नक्सलियों के गढ़ में डॉक्टर एसपी ने मरीजों की जांच की, ग्रामीणों संग मांदर की थाप पर थिरके

jharkhand news: गुमला पुलिस और सीआरपीएफ-218 बटालियन की संयुक्त टीम गुमला के सिविल गांव में शिविर का आयोजन किया. इस मौके पर गुमला एसपी डॉक्टर की भूमिका में दिखे. वहीं, ग्रामीणों के साथ मांदर की थाप पर थिरकते दिखे एसपी व कमांडेंट.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2022 10:27 PM

Jharkhand news: नक्सली गढ़ में रहने वाले ग्रामीणों का पुलिस और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. इसलिए जब मंगलवार को कुरूमगढ़ थाना के सिविल गांव में सामुदायिक पुलिसिंग व सिविक एक्शन प्लान के तहत शिविर लगा, तो इसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे. यह कैंप गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन द्वारा आयोजित था. कैंप का नजारा भी खुशनुमा था. गुमला के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब खुद डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच किये. बीमार मरीजों के लिए दवा भी दिये. इस दौरान एसपी के साथ सीआरपीएफ कमांडेंट अनिल मिंज ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मांदर की थाप पर नृत्य भी किये. ग्रामीण व स्कूली बच्चे काफी उत्साहित थे.

नक्सलियों के गढ़ में डॉक्टर एसपी ने मरीजों की जांच की, ग्रामीणों संग मांदर की थाप पर थिरके 2
पुलिस के प्रति ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा है

शिविर में मेडिकल कैंप लगाया गया. कैंप में 100 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच किया गया. साथ ही नि:शुल्क दवाइयां का वितरण किया गया. मुख्य अतिथि एसपी डॉ वकारीब ने कहा कि कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र के सिविल, मरवा सहित अन्य 5 गांव माओवादियों का सेफ जोन था. पुलिस सिर्फ यहां अभियान चलाने आती थी. चूंकि इस क्षेत्र में नेटवर्क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र माओवादियों का सेफ जोन है. लेकिन, वर्ष 2021 में माओवादी व पुलिस की मुठभेड़ के बाद वर्ष 2022 में लगे सामुदायिक पुलिसिंग व सिविक एक्शन प्लान के तहत लगे शिविर में ग्रामीणों की उपस्थित देखकर बदलाव नजर आ रहा है. इससे पूर्व भी पुलिस व सीआरपीएफ की पहल से इस गांव में शिविर लगाया गया था. लेकिन उस समय महज 40 से 50 वृद्ध ग्रामीण मौजूद हुए थे. लेकिन मंगलवार को आयोजित शिविर में 1000 से अधिक ग्रामीण मौजूद हुए है. यह पुलिस द्वारा माओवादी के खिलाफ अभियान के तहत बदलाव का संकेत है.

2020 के बाद गांव में बदलाव आया है

एसपी ने कहा कि मेडिकल कैंप में कुछ बच्चों को चिन्हित किया गया है. जिन्हें सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता है. मैंने अपने चिकित्सक दोस्तों से बात की है. गुमला पुलिस उक्त बच्चों के उचित इलाज की व्यवस्था करायेगी. कमांडेंट अनिल मिंज व एसडीपीओ सिरील मरांडी ने कहा कि वर्ष 2020 में यहां के ग्रामीण इतने खुले मन से नहीं आते थे. लेकिन माओवादियों का मूवमेंट कम होने से यहां बदलाव नजर आ रहा है. गुमला पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा यहां ग्रामीणों के बीच जरूरतमंद सामग्री का वितरण किया जायेगा. साथ ही ग्रामीणों के साथ सामूहिक भोजन भी करेंगे. हम इन्हें प्यार देने आये है और बदले में इनसे प्यार मांगने आये है. ताकि वे माओवादियों के बहकावे में नहीं आये. किसी तरह की मूवमेंट होने पर पुलिस का सूचना दें.

Also Read: Jharkhand news: गरीबी में जी रहे शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज, पत्नी के इलाज के लिए परपोते ने जमीन रखी बंधक ग्रामीणों को जरूरत की सामग्री दी

ग्रामीणों के बीच स्पोर्टस टी शर्ट, कंबल, रेडियों, साड़ी, सोलर लैप, डेकची, कढ़ायी, मच्छरदानी, धोती, फुटबॉल सहित अन्य सामग्री का वितरण किया गया. मौके पर अभियान एसपी मनीष कुमार, डिप्टी कमांडेंट मृत्युंजय झा, सीआरपीएफ के चिकित्सक डॉक्टर के वर्णीधर सहित सीआरपीएफ व पुलिस जवान मौजूद थे.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

Next Article

Exit mobile version