झारखंड का पहला जिला है गुमला, जहां मानव तस्करी पर रोक के लिए कार्य कर रहा अहतू क्लब

अहतू क्लब के माध्यम से ग्रामीण जनता को मानव तस्करी के विरुद्ध अभियान, वाद-विवाद कार्यक्रम इत्यादि चला कर जागरूक किया जाता है तथा पीड़िताओं को पुनर्वास तथा रेस्क्यू किया जाता है. गुमला अहतू क्लब की सक्रियता से वर्ष 2022 में मानव तस्करी की शिकार 65 लड़कियों को बरामद कर उनके परिवार को सौंपा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2023 11:19 PM

गुमला, जगरनाथ/जॉली. झारखंड का पहला जिला गुमला है, जहां अहतू क्लब की स्थापना की गयी है. अहतू क्लब के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ काम हो रहा है. दिल्ली, गोवा, असम से कई लड़कियों को मुक्त कराकर गुमला लाया गया. वहीं दर्जनों बच्चों को मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया गया. यह सब संभव गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब की पहल से हुआ है. पुलिस अधीक्षक डॉ एहतेशाम वकारीब ने कहा है कि पिछले वर्षों में गुमला जिले से अधिक संख्या में नाबालिग बच्चों एवं बच्चियों को बड़े शहरों मे तस्करी कर ले जाया जाता था. जिसकी रोकथाम हेतु गुमला जिला में अहतू क्लब कार्यरत है. यह गुमला थाना भवन के एक कमरे में संचालित है. झारखंड का यह प्रथम जिला है, जहां अहतू क्लब कार्यरत है.

मानव तस्करी पर रोक के लिए जागरूकता

अहतू क्लब के माध्यम से ग्रामीण जनता को मानव तस्करी के विरुद्ध अभियान, वाद-विवाद कार्यक्रम इत्यादि चला कर जागरूक किया जाता है तथा पीड़िताओं को पुनर्वास तथा रेस्क्यू किया जाता है. गुमला जिले में मानव तस्करी से संबंधित मात्र एक थाना है, जिसमें पूरे जिले के मानव तस्करी से संबंधित कांड दर्ज किये जाते हैं. पूरे जिले में मानव तस्करों के खिलाफ जानकारी जुटाने में दिक्कत आ रही थी. जिसके लिए जिला में अहतू क्लब का निर्माण किया गया. जिसमें एक पुलिस पदाधिकारी को अहतू क्लब का प्रभारी बनाया गया है. साथ ही स्वयं सेवी संगठन, शिक्षक, स्कूलों के छात्र-छात्राएं सीडब्लयूसी के सदस्य एवं चिकित्सक आदि भी सदस्य के रूप में शामिल हैं. इनका काम उस थाना क्षेत्र में मानव तस्करी से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करना तथा मानव तस्करों के खिलाफ लगाम लगाना है. अहतू क्लब में पदस्थापित पुलिसकर्मियों के द्वारा समय-समय पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया गया. फलस्वरूप मानव तस्करी में कमी आयी है.

Also Read: झारखंड: तीसरे समन पर हाजिर हुए रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, ईडी के अधिकारियों ने की 10 घंटे पूछताछ

एक साल में 65 लड़कियां बरामद

गुमला अहतू क्लब की सक्रियता से वर्ष 2022 में मानव तस्करी की शिकार 65 लड़कियों को बरामद कर उनके परिवार को सौंपा गया है. एसपी ने बताया कि वर्ष 2022 में नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर बाहर ले जाने के आरोप में 17 मामले दर्ज किया गया था. जिसमें से 10 कांडों के लापता पीड़िताओं को बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा गया है. वहीं वित्तिय वर्ष में 65 पीड़िताओं को बरामद किया गया है.

Also Read: Jharkhand Weather Forecast: झारखंड में मौसम के बदले मिजाज से राहत, कब तक हैं बारिश के आसार, येलो अलर्ट जारी

नशे की गिरफ्त से रिहाई

गुमला एसपी ने एक और नया अभियान शुरू किया है. उस अभियान का नाम है नशे की गिरफ्त से रिहाई अर्थात वर्तमान युवा पीढ़ी जो नशापान के चंगुल में फंस रहे हैं. उन्हें बचाना. नशापान के खिलाफ पूरे समाज को जोड़कर काम करने में गुमला झारखंड का पहला जिला है. जहां पुलिस विभाग ने यह अभियान शुरू किया है. एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने कहा कि नशे की गिरफ्त से रिहाई इस कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पांच मुहल्ला कमेटी बनाया गया है. जिसके तहत जगह-जगह पर नुक्कड़ नाटकों, खेलो का आयोजनों के माध्यम से आमजन विशेष कर नवयुवकों को सभी तरह के नशा मुक्ति से संबंधित जागरूकता अभियान चलाकर इस कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है. एसपी का मानना है. गुमला की सबसे बड़ी समस्या नशापान है. गांजा, कोरेक्स, अफीम, हड़िया, दारू सहित कई प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन यहां के युवा वर्ग करते हैं. जिससे युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है. युवाओं को बचाने के लिए ही पुलिस ने नशे की गिरफ्त से रिहाई अभियान शुरू किया है.

Next Article

Exit mobile version