विकलांगों ने कहा कि इस बार विस चुनाव में स्थिर सरकार बनाने के लिए वोट देंगे.रांची या गुमला में पढ़ने वाले विकलागों के लिए हॉस्टल बने.गुमला. रांची व गुमला में विकलांगों के लिए एक भी हॉस्टल नहीं है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के विकलांग छात्र जो रांची व गुमला में रह कर पढ़ते हैं, उन्हें रहने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. झारखंड राज्य गठन के बाद विकलांगों को उम्मीद थी कि इस क्षेत्र के विकास के साथ यहां के विकलांगों को सरकारी योजना का लाभ मिलेगा. परंतु ऐसा नहीं हो सका. झारखंड गठन के 14 साल गुजर गया. अभी तक हॉस्टल खोलने की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है. जबकि विकलांगों द्वारा सरकार को कई बार अलग से विकलांग हॉस्टल खोलने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है. परंतु किसी ने पहल नहीं की. इसबार विकलांगों ने निर्णय लिया है कि राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए वोट देंगे. जिससे इस क्षेत्र का विकास हो सके और विकलांगों के लिए भी योजना बने. विकलांग विलियम मिंज ने कहा कि वह गुमला में रहता है. परंतु रांची विश्वविद्यालय में पढ़ रहा है. वहां रहने में भारी दिक्कत होती है. विकलांग हॉस्टल नहीं है. जिस कारण ज्यादा भाड़ा देकर किराया के मकान में रहना पड़ रहा है. गरीब हैं. इससे दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बार जिसकी भी सरकार बने, कम से कम गुमला या फिर रांची में एक विकलांग हॉस्टल बना दें.
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विकलांगों के लिए नहीं बना हॉस्टल
विकलांगों ने कहा कि इस बार विस चुनाव में स्थिर सरकार बनाने के लिए वोट देंगे.रांची या गुमला में पढ़ने वाले विकलागों के लिए हॉस्टल बने.गुमला. रांची व गुमला में विकलांगों के लिए एक भी हॉस्टल नहीं है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के विकलांग छात्र जो रांची व गुमला में रह कर पढ़ते हैं, उन्हें रहने […]
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