डायन कहना पड़ा महंगा, 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला, पीटा भी

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला में अक्सर अंधविश्वास में वृद्धों को पीटा जाता है. हत्या तक कर दी जाती है. परंतु गुमला में अंधविश्वास का एक अनोखा मामला सामने आया है. एक व्यक्ति द्वारा डायन कहने पर उसके परिवार को ग्रामीणों ने पीटा. गांव में बैठक कर 10 हजार रुपये जुर्माना भी वसूल लिया. मामला गुमला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 6, 2019 10:36 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला में अक्सर अंधविश्वास में वृद्धों को पीटा जाता है. हत्या तक कर दी जाती है. परंतु गुमला में अंधविश्वास का एक अनोखा मामला सामने आया है. एक व्यक्ति द्वारा डायन कहने पर उसके परिवार को ग्रामीणों ने पीटा. गांव में बैठक कर 10 हजार रुपये जुर्माना भी वसूल लिया. मामला गुमला सदर थाना के गढ़सारू गांव का है.

इस संबंध में गढ़सारू निवासी जगमोहन लोहरा ने गुमला एसपी से जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायी है. जगमोहन ने एसपी को आवेदन दिया है. जगमोहन ने बताया कि उस पर डायन-बिसाही कहने का आरोप लगाकर गांव के कुछ दबंग लोगों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. जगमोहन गांव में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता है.

जगमोहन का अपने ही रिश्तेदारों से बनती नहीं है. रिश्तेदार ने गांव के ही एक दबंग व्यक्ति से कहा कि उसका देवर उसे डायन कहता है. दबंग व्यक्ति को यह बात जब पता चली तो उसने गांव में बैठक बुलायी. जगमोहन ने बताया कि उस समय बैठक में उसके और उसके परिवार के साथ मारपीट की गयी. गांव वाले यह भी कह रहे थे कि पूरे परिवार को जान से मार डालो या गांव से निकाल दो. नहीं तो 10 हजार रुपये जुर्माना दो.

इस पर जगमोहन ने 10 हजार रुपये जुर्माना दिया. इस दौरान उससे एक सादे कागज पर जबरन अंगूठा का निशान लिया गया. जगमोहन ने बताया कि उसने किसी भी व्यक्ति अथवा महिला को कभी डायन नहीं कहा है. उसने इस बात को गांव के सरपंच के समक्ष रखी और अपना 10 हजार रुपये वापस दिलाने की मांग की. परंतु सरपंच ने जगमोहन की मदद नहीं की.

इसके बाद जगमोहन ने एसपी को आवेदन देकर जानमाल की सुरक्षा और न्याय की गुहार लगायी. जगमोहन ने बताया कि एसपी को आवेदन दिये जाने के बाद अब गांव के कुछ दबंग लोग जबरन परेशान कर रहे हैं. एक बार उसकी बेटी को अपहरण कर ले गये थे और दो दिनों बाद वापस घर पहुंचाया था. जगमोहन ने बताया कि उसकी बेटी वर्ग नौ में पढ़ती है. डर से वह स्कूल भी नहीं जा रही है. डर से स्कूल पढ़ाई छोड़कर गुमला शहर के मेन रोड में एक दुकान पर काम करने को मजबूर है.

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