सरकार में गरीब मजदूरों की जगह मशीनों ने ले ली : धनेश्वर

गुमला : आदिवासी मुक्ति मंच की बैठक नवाडीह कासीटोली में हुई. इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान चरवा पहान ने की. बैठक में मंच के धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वर्तमान की मनुवादी सरकार दलित व आदिवासियों को खत्म करने पर तुली हुई है. सरकार द्वारा राज्य के 134 प्रखंडों को गैर अनुसूचित प्रखंड घोषित किया गया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 10, 2019 1:39 AM

गुमला : आदिवासी मुक्ति मंच की बैठक नवाडीह कासीटोली में हुई. इसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान चरवा पहान ने की. बैठक में मंच के धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वर्तमान की मनुवादी सरकार दलित व आदिवासियों को खत्म करने पर तुली हुई है. सरकार द्वारा राज्य के 134 प्रखंडों को गैर अनुसूचित प्रखंड घोषित किया गया है, जिसमें गुमला प्रखंड भी शामिल है. यहां भी आदिवासी हैं. इसके अलावा जिन प्रखंडों को गैर अनुसूचित प्रखंड घोषित किया गया है, वहां भी समाज के लोग हैं.

इसके बावजूद सरकार ऐसे प्रखंडों को गैर अनुसूचित प्रखंड का दर्जा दे रही है, जो भारतीय संविधान में भाग 10 के अनुच्छेद, 244(1) का उल्लंघन है, क्योंकि यह सभी क्षेत्र पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में है. यहां बाहरी लोग नहीं घुस सकते, फिर भी मनुवादी सरकार भारतीय संविधान का उल्लंघन करते हुए अजा व अजजा के मूल अधिकार का हनन करने लगी है. मंच सरकार की इस नीति का विरोध करता है. श्री टोप्पो ने कहा कि गरीब आदिवासी व दलित काम नहीं मिलने के कारण दिल्ली, मुंबई व असम पलायन कर रहे हैं. गांव में विकास के कामों में भ्रष्टाचार चरम पर है. मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है.

ऊपर से मजदूरों की जगह पर मशीनों ने ले ली है. जिस कारण लोग पलायन को मजबूर हैं. इस बात की जानकारी भाजपा के सांसद व विधायकों को है. इसके बाद भी ये लोग पलायन रोकने के लिए कोई उपाय नहीं कर रहे हैं. मौके पर मोहन उरांव, अरविंद उरांव, चंद्रदेव टोप्पो, कैला उरांव, बुधराम टोप्पो, खखरी एक्का, जंबु भगत, रतिया टोप्पो, खुखराम लकड़ा, बहुरा भगत, वासु उरांव, पिंटु लकड़ा, रंजीत उरांव, मंगरा उरांव व धनी भगत सहित कई लोग उपस्थित थे.

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