भवन निर्माण में हुई है अनियमितता, घरों से
आरिफ हुसैन अख्तर
गुमला : जिला मुख्यालय में महिला समाज एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा संचालित अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा के नाम पर महज खाना पूर्ति की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे तो आते हैं, मगर वे चना, चूड़ा व खिचड़ी तक ही सीमित रह जाते हैं. पढ़ाई कुछ भी नहीं होती है. कई निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र का भवन तो तैयार हो गया है, लेकिन निर्माण में बरती गयी अनियमितता के कारण अब तक बंद पड़े हैं. सेविका अपने घरों का सारा काम करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र संचालित कर रही है.
ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय से सटे घटगांव पंचायत के टांगरटोली स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में देखने को मिला. यहां वर्ष 2012 में चार लाख 62 हजार रुपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का भवन तो बन कर तैयार है. अभियंता बैजनाथ तिवारी व कार्य एजेंसी की लापरवाही के कारण केंद्र सुविधाविहीन है और अब तक बंद पड़ा हुआ है. भवन के भीतर ब्लैक बोर्ड व रंग-बिरंगे चित्रंकन, पेयजल की व्यवस्था नहीं है. पेयजल हेतु भवन के ऊपर लगाया सिनटेक्स की चहारदीवारी नहीं किये जाने के कारण हवा में उड़ गया है.
साथ ही भवन के सामने मिट्टी नहीं भरने के कारण गड्ढे बने हुए हैं. जिसके कारण हादसे के डर से बच्चे उस भवन में जाना नहीं चाहते हैं. इस संबंध में सेविका रोशनी उरांव ने कहा कि भवन की कमियों से संबंधित कई बार मासिक रिपोर्ट में विभाग को भेजी गयी है. अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. हादसे के डर से मैं आंगनबाड़ी केंद्र को अपने घर में हीं संचालित करती हूं. केंद्र के निर्माण में जमीन नहीं मिलने पर वे स्वयं अपनी जमीन दान कर आंगनबाड़ी का निर्माण कराया है.