चार महीने से ठप है डुमरी ग्रामीण जलापूर्ति योजना, पानी को तरसे सैकड़ों लोग

भीषण गर्मी में प्रखंड में जलसंकट गहरा गया है. प्रखंड की डुमरी और जामतारा पंचायत के ग्रामीणों को समुचित पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्षों पूर्व बनी डुमरी ग्रामीण जलापूर्ति योजना बेकार साबित हो रही है.

By Prabhat Khabar Print | May 22, 2024 5:25 PM

गर्मी के दस्तक के साथ ही गहराया जलसंकट, पानी के लिए जगह-जगह त्राहिमाम

डुमरी प्रखंड की डुमरी और जामतारा पंचायत के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा समुचित पानी

कभी मोटर जलने, टैंक में रिसाव, तो कभी ट्रांसफाॅर्मर जलने के कारण आये दिन बंद रहती है जलापूर्ति

डुमरी

. भीषण गर्मी में प्रखंड में जलसंकट गहरा गया है. प्रखंड की डुमरी और जामतारा पंचायत के ग्रामीणों को समुचित पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्षों पूर्व बनी डुमरी ग्रामीण जलापूर्ति योजना बेकार साबित हो रही है. कभी मोटर जलने, कभी पानी टैंक में रिसाव, तो कभी ट्रांसफाॅर्मर जलने के कारण योजना आये दिन बंद रहती है. इस कारण डुमरी व जामतारा पंचायत में पिछले चार महीने से जलापूर्ति ठप है. गर्मी के साथ सूखते जलस्रोत से लोग एक ओर ऐसे ही परेशान हैं. योजना का पानी नहीं मिलने से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. योजना से दोनों पंचायतों की करीब 800 से अधिक आबादी को लाभ मिलता था. लेकिन विभागीय शिथिलता का प्रतिकूल असर योजना से लाभान्वित लोगों पर पड़ रहा है. क्षेत्र की जनता का हलक सूख रहा है. इसे चालू करने को लेकर विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है. बताया जाता है कि जलापूर्ति प्लांट चालू करने का मुद्दा ग्रामीणों ने पिदले लोकसभा चुनाव के दौरान उठाया था. उस समय गिरिडीह सीट से खड़े कई प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के बाद प्लांट चालू कराने का भरोसा वोटरों को दिलाया था.

चुनाव के बाद प्लांट शुरू हुआ, पर नियमित नहीं मिला पानीचुनाव के बाद प्लांट कुछ दिनों के लिए चालू हुआ. फिर मोटर जलने, जीएसआर के फटने, तो कभी नदी का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण बंद रहने लगा. पिछले कई महीने से जलापूर्ति योजना के बंद होने से ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के वक्त हर नेता प्लांट को सुचारू करने की बात करता है. इस बार भी लोकसभा चुनाव में खड़े प्रत्याशियों से यहां की जनता जलापूर्ति योजना को सुचारू रूप से चलाने को लेकर सवाल पूछ रही है.

तत्कालीन विधायक जगरनाथ महतो ने की थी पहल

पिछले वर्ष सात मार्च को तत्कालीन विधायक सह शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पेयजल और स्वच्छता प्रमंडल टू के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर और कनीय अभियंता जयप्रकाश यादव से प्लांट बंद रहने का कारण और उनके द्वारा चालू करने को लेकर किये गये प्रयासों के बारे में पूछा था. उस वक्त अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट मंत्री ने अधिकारियों को डांट पिलायी थी और 15 दिनों के अंदर समस्या दूर करते हुए चालू करने का निर्देश दिया था. मंत्री के समक्ष प्लांट का संचालन कर रही समिति द्वारा इंटेक मोटर, संप हाउस, मोटर, वाटर फिल्टर, प्रोसेसिंग ये सभी सामान खराब होने की बात कही गयी थी. मंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द सामान बदले का निर्देश दिया था. सामान बदल दिये गये, लेकिन पहाड़ पर बने टैंक की मरम्मत नहीं हो सकी.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

जलापूर्ति योजना पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. अब क्षेत्र के लोगों को नयी जलापूर्ति योजना की जरूरत है. कई स्थानों पर पाइप लाइन नहीं होने के कारण बड़ी आबादी को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है.

सुमन कुमारी

जलापूर्ति योजना से सुचारू रूप से पानी नहीं मिलने के कारण आये दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. आये दिन कुछ ना कुछ खराब होने के कारण जलापूर्ति प्लांट बंद रहता है. जनप्रतिनिधि को जनता की समस्या से कोई मतलब नहीं है.

प्रेमचंद मंडल

जनप्रतिनिधि और अधिकारी के उदासीन रवैये के कारण हम ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में भी कठिनाई हो रही है. क्षेत्र के कई जलस्तर सूख चुके हैं. नेता चुनाव के समय वादे करते हैं, लेकिन बाद में उन्हें जनता की समस्या नहीं दिखती.

विजय कुमार

हेडक्वार्टर को भेजा गया है प्राक्कलन : जेई

कनीय अभियंता (जेई) जयप्रकाश यादव ने कहा कि प्राक्कलन तैयार कर हेडक्वार्टर में प्रस्तुत किया गया है, लेकिन अलॉटमेंट के अभाव में कुछ नहीं हो रहा है. इसके अलावा नदी का जलस्तर नीचे चले जाने से भी मुश्किल आ रही है.

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