अवैध उत्खनन कर क्रशरों में धड़ल्ले से खपाया जा रहा काला पत्थर

गैरकानूनी काम में तिसरी प्रखंड के कई सफेदपोश शामिल

By Prabhat Khabar Print | May 21, 2024 6:55 PM

अमरदीप सिन्हा, तिसरी.

तिसरी प्रखंड में जंगलों से और कुछ ग़ैरमजरुआ जमीनों में उत्खनन कर प्रखंड की विभिन्न क्रशर मशीनों में धड़ल्ले से काला पत्थर खपाया जा रहा है. इस गैरकानूनी काम में तिसरी प्रखंड के कई सफेदपोश शामिल बताये जाते हैं. दूसरी ओर इस कार्य में शामिल मजदूरों का हर तरह से शोषण भी हो रहा है और इसमें कई बाल मजदूर भी खटाये जा रहे हैं.

अवैध खनन में जानमाल की भी हुई क्षति

: विदित हो कि तिसरी प्रखंड में माइका पर प्रतिबंध लगते ही लोग काले पत्थरों पर टूट पड़े हैं. चूंकि माइका तिसरी प्रखंड के लोगों का एक मुख्य रोजगार का साधन था और उसके बंद पड़ते ही यहां के गरीब मजदूर कम मजदूरी में भी पत्थरों की अवैध खदान में कार्य करने को विवश हो गये हैं. इस दौरान कई बार जानमाल की क्षति भी हुई है. चूंकि तिसरी प्रखंड में अवस्थित कई अवैध खदान में पत्थर माफिया डायनामाइट का भी लगातार प्रयोग करते हैं. इसमें कई लोग दुर्घटना के भी शिकार हुए हैं. बावजूद इसके यहां पत्थरों का अवैध उत्खनन लगातार जारी है.

वैध खदान बंद, फिर भी उत्खनन जारी :

बताया जाता है कि तिसरी प्रखंड के बेलवाना में एक वैध पत्थर खदान संचालित थी. वहां से क्रशर मशीनों में पत्थर दिया जाता था. बावजूद इसके जंगलों से भी पत्थरों का अवैध पत्थर निकाला जाता रहा है. उक्त वैध खदान के बंद हो जाने के बावजूद तिसरी प्रखंड के पत्थर माफिया तिसरी के जंगल से धड़ल्ले से पत्थर का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

लगातार हो रही छापेमारी :

सूत्रों के अनुसार तिसरी प्रखंड के घनघरिकुरा, उपरेली कन्हाई आदि जंगलों व मंसाडीह पंचायत के जलगोड़ा, बिरनी, लोकाई पंचायत के बरेपाट समेत विभिन्न जंगल क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी मशीन लगाकर डंपरों से पत्थर प्रखंड में संचालित क्रशर मशीनों में भेजा जा रहा है. इस बाबत गावां प्रक्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि तिसरी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में पत्थरों के उत्खनन की सूचना पर कई बार छापेमारी की गयी है. कई जगहों पर पाया कि खनन क्षेत्र जंगल से बाहर है. यदि वन क्षेत्र में अवैध रूप से पत्थर का उत्खनन हुआ है तो विभाग कठोर कार्रवाई करेगा. इसके लिए विभाग की छापेमारी लगातार जारी है.

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