झारखंड में मानव तस्करी के एक मामले में तीन लोग दोषी करार दिये गये हैं. इनकी सजा के बिंदुओं पर 31 मई को सुनवाई होगी. गिरिडीह की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा की अदालत ने गुरुवार को मानव तस्करी के मामले में 3 लोगों को दोषी पाया है. सजा पर अदालत में 31 मई को सुनवाई होगी. मामला ताराटांड़ थाना क्षेत्र के एक गांव का है.
सोनालाल मुर्मू की पत्नी को दिल्ली ले जाकर बेच दिया
सूचक सोनालाल मुर्मू के आवेदन पर गांडेय थाना में (कांड संख्या 616/16) एक मामला दर्ज किया गया था. मामले में सूचक ने कहा कि उसकी 30 वर्षीय पत्नी धनकटनी के लिए मायके गयी थी. बंदना पर्व के अवसर पर जब वह अपनी पत्नी के बारे में पता लगाने के लिए बहन के घर झलकडीहा पहुंचा, तो पता चला कि कुछ लोगों ने उसकी पत्नी को दिल्ली में ले जाकर बेच दिया.
गांडेय थाना में दिया आवेदन
इसके बाद उसने गांडेय थाना में आवेदन दिया. उसके आवेदन पर भादवि 370, 374, 120/बी के तहत एक मामला दर्ज किया गया. उसने पीरटांड़ थाना क्षेत्र के चंपानगर निवासी पविंद्र किस्कू, गांडेय थाना के चेंगरबाद निवासी फ्रांसिस किस्कू तथा ताराटांड़ थाना अंतर्गत रानीटांड़ निवासी निचित मुनी को नामजद आरोपी बनाया. कहा कि संबंधित लोग युवती को बाहर ले जाकर बेचता है.
पहले भी दो-तीन महिला को बहला-फुसलाकर बेच चुका है आरोपी
इसके पूर्व भी दो-तीन महिला को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाकर बेच चुका है. उसने दावा किया कि उसकी पत्नी को दिल्ली ले जाकर बेच दिया. आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू की और अदालत में तीनों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया. अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक गोरखनाथ सिंह ने अदालत में पांच गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद अदालत ने तीनों लोगों को धारा 370/2/3/34 के तहत दोषी पाया है.