अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के मजदूरों के परिजनों को सता रही है चिंता,सुरक्षित वापसी की लगा रहे गुहार

Jharkhand News: सोशल मीडिया पर पीड़ित मजदूरों द्वारा गुहार लगाने के बाद झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इनकी सुध ली. सभी मजदूर वहां सुरक्षित हैं और वे जल्द झारखंड लौटेंगे. इधर, मजदूरों के परिजनों को उनकी चिंता सता रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2022 6:17 PM

Jharkhand News: रोजी-रोटी की तलाश में देश-विदेशों में काम करने गए मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं करने या उनके फंसे होने की खबरें आये दिन सामने आती रहती हैं. पश्चिम अफ्रीकी देश माली से ऐसा ही मामला सामने आया है. झारखंड के गिरिडीह व हजारीबाग जिले के 33 मजदूर यहां फंसे हुए हैं. सोशल मीडिया पर पीड़ित मजदूरों द्वारा गुहार लगाने के बाद झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इनकी सुध ली. सभी मजदूर वहां सुरक्षित हैं और वे जल्द झारखंड लौटेंगे. इधर, मजदूरों के परिजनों को उनकी चिंता सता रही है.

झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के पांच मजदूर माली में फंसे हैं. इन मजदूरों के परिजनों ने अपने घर के मुखिया के सकुशल वापसी की गुहार लगाई है. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन से भी परिजनों ने सुरक्षित वापसी का आग्रह किया है. बगोदर प्रखंड के माहुरी गांव के नंद लाल महतो माली में फंसे हुए हैं. नंदलाल महतो पिछले साल के जनवरी माह में ही स्थानीय संवेदक के माध्यम से वहां गये थे. जहां ट्रांसमिशन लाइन में काम भी मिला. इसे लेकर परिजन बताते हैं कि पिछले पांच माह से वेतन बकाया है. सभी को 30-35 हज़ार मजदूरी पर ले जाया गया था, लेकिन अगस्त माह के बाद से मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. घर में एक मात्र कमाने वाला सदस्य वही हैं. इसकी सूचना पर जरमुन्ने पश्चिमी के प्रधान संतोष रजक, माले सचिव पवन महतो परिजनों से मिले और वस्तु स्थिति से अवगत हुए. साथ ही परिजनों को हर संभव सहयोग के लिये आश्वस्त किया है.  

Also Read: अफ्रीका के माली में फंसे मजदूर कैसे हैं और कब लौटेंगे झारखंड, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने ली इनकी सुध

तिरला के मजदूर दिलीप महतो के भाई ने बताया कि उनका भाई जनवरी 2021 में ही अफ्रीका के माली देश में काम करने गया था, जो कि आठ माह का मजदूरी परिजनों को भेजा है, लेकिन अब पांच माह से मजदूरी नहीं भेजने से परिजनों को घर चलाने में फजीहत हो रही है. कंपनी के द्वारा बकाया मानदेय नहीं दिया जा रहा है. साथ ही सूचना मिली कि खाने-पीने की भी समस्या हो रही है. इसे लेकर परिजनों ने वतन वापसी की गुहार लगाई है. बता दें कि तिरला के ही शंकर महतो भी वहां फंसे हुए हैं. परिजनों ने भी वतन वापसी की गुहार लगाई है.

Also Read: 7वीं JPSC मेंस परीक्षा पर रोक लगाने से झारखंड हाईकोर्ट का इनकार, PT में आरक्षण को लेकर की गयी थी ये मांग

रिपोर्ट: कुमार गौरव

Next Article

Exit mobile version