वर्ष 2011-12 की है योजना, पांच वर्ष में होना है पूर्ण
– सुमरजीत सिंह –
गिरिडीह : जिले के बगोदर प्रखंड में जलछाजन योजना का कार्य कच्छप गति से चल रहा है. जलछाजन विभाग द्वारा मुहैया करायी गयी राशि में से ज्यादा खर्च प्रशासनिक मद की राशि की ही हुई है.
ना रहेगा खेत खाली, ना रहेगा पेट खाली, मिलेगा काम हजारों जन को, जब अपनायेंगे जलछाजन को..झारखंड राज्य जलछाजन मिशन द्वारा दिया गया यह स्लोगन गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में फ्लॉप साबित हो रहा है. योजना के शुरू होने के दो वर्षो के बाद भी धरातल पर काम न के बराबर दिखायी दे रहा है.
डीएफओ सोशल फोरेस्टरी हजारीबाग को मुहैया करायी गयी राशि 93 लाख 36 हजार 166 रुपया में से सिर्फ जलछाजन कार्य के लिए 37 लाख 84 हजार 932 रुपया दिया गया था, लेकिन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर 2013 तक एजेंसी इस मद में एक भी रुपया खर्च नहीं कर सकी है.
बताते चलें की जिले के बगोदर प्रखंड में जलछाजन योजना के तहत दो एजेंसी को लगभग 14 करोड़ का जलछाजन कार्य करने का जिम्मा दिया गया है. इसके तहत सोशल फोरेस्टरी हजारीबाग को 6 करोड़ 30 लाख तथा इस्ट डिवीजन डीएफओ हजारीबाग को 7 करोड़ 70 लाख के कार्य का जिम्मा दिया गया है.