रोजगार के लिए मुंबई गये युवक की हुई थी मौतगांडेय. परिवार के एक मात्र कमाऊ सदस्य की मुंबई में मौत के दो वर्ष बाद भी उसके परिजनों को मुआवजा या अन्य सरकारी लाभ नहीं मिले. मुआवजा, पारिवारिक लाभ समेत अन्य सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के बाद मृतक के परिजन अब आस छोड़ चुके हैं. मामला गांडेय थाना क्षेत्र के सितला का है. जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 2012 में सितला निवासी मो. निसार का पुत्र मो. शहबाज रोजगार के लिए मुंबई गया था. काम के दौरान वहीं संदेहास्पद स्थिति में उसकी मौत हो गयी. कंपनी द्वारा शव को गांव पहुंचाते वक्त हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया, पर अंतत: पीडि़त परिवार को कुछ नहीं मिला. मुआवजा-पारिवारिक लाभ व अन्य सुविधाओं के लिए मृतक के माता-पिता दर-दर की ठोकरें खाते रहे. इस संबंध में मृतक के पिता मो. निसार ने बताया कि घटना के वक्त तत्कालीन विधायक समेत कई लोगों ने उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था. अब तो प्रशासन से भी सहयोग की परिजनों की उम्मीद टूट चुकी है.
दो वर्ष बाद भी नहीं मिला मुआवजा
रोजगार के लिए मुंबई गये युवक की हुई थी मौतगांडेय. परिवार के एक मात्र कमाऊ सदस्य की मुंबई में मौत के दो वर्ष बाद भी उसके परिजनों को मुआवजा या अन्य सरकारी लाभ नहीं मिले. मुआवजा, पारिवारिक लाभ समेत अन्य सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के बाद मृतक के परिजन अब आस छोड़ […]
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