कभी भी धंस सकता है पहाड़पुर नदी का पुल

राजधनवार : धनवार-घोड़थंभा रोड में 15 वर्ष पूर्व पहाड़पुर नदी पर बने पुल की बुनियाद लगातार नदी से हो रहे बालू उठाव के कारण जर्जर होते जा रही है. तत्काल पुल की मरम्मत करते हुए बालू उठाव पर रोक नहीं लगाया गयी तो यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. पुल टूटने से पहाड़पुर, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 15, 2019 2:07 AM

राजधनवार : धनवार-घोड़थंभा रोड में 15 वर्ष पूर्व पहाड़पुर नदी पर बने पुल की बुनियाद लगातार नदी से हो रहे बालू उठाव के कारण जर्जर होते जा रही है. तत्काल पुल की मरम्मत करते हुए बालू उठाव पर रोक नहीं लगाया गयी तो यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है.

पुल टूटने से पहाड़पुर, सापामारन, महुआटांड़, बरसिंघी, बोनाकोड़ाडीह, दुर्जनाडीह, चिहुटीमारन आदि कई गांव के हजारों लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जायेगा. इस पुल से महज पांच-छह सौ मीटर ऊपर इसी नदी पर गिरिडीह-कोडरमा रेल लाइन का सबसे लंबा रेलवे पुल भी है. बालू उठाव का यही हाल रहा तो भविष्य में रेलवे पुल का अस्तित्व भी संकट में पड़ सकता है.

विदित हो कि वर्ष 2002-03 में कोडरमा के तत्कालीन सांसद तिलकधारी प्रसाद सिंह के कोटे से उक्त पुल का निर्माण कराया गया है. पुल के समीप से ही लगातार बालू उठाव के कारण धीरे-धीरे इसकी बुनियाद खोखली होते चली गयी. 2011-12 में जब धनवार का इरगा नदी पुल बाढ़ में ढह गया था तो तत्कालीन डीसी डीपी लकड़ा धनवार दौरे के क्रम में अभियंताओं की टीम के साथ पहाड़पुर पुल पर भी पहुंचे थे. क्षेत्र के ग्रामीणों की शिकायत पर उन्होंने वहां से बालू उठाव पर रोक और पुल की रिपेयरिंग कराने का भरोसा भी दिया था. हालांकि अबतक पहल नहीं होने से पुल की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

Next Article

Exit mobile version