3 साल से दुधारू गाय खरीदने के इंतजार में हैं गढ़वा की महिला पशुपालक, पशु मेला में ही खरीदने की है शर्त

Jharkhand news (गढ़वा) : गढ़वा जिले के पशुपालक पिछले 3 साल से दुधारू गाय खरीदने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सुस्त व जटिल सरकारी प्रक्रिया की वजह से राशि मिलने के बावजूद पशुपालक इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. गव्य विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Chief Minister Livestock Development Scheme) से 90 प्रतिशत अनुदान पर गाय का लाभ ग्रामीण महिलाओं को दिया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 10:05 PM

Jharkhand news (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : गढ़वा जिले के पशुपालक पिछले 3 साल से दुधारू गाय खरीदने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सुस्त व जटिल सरकारी प्रक्रिया की वजह से राशि मिलने के बावजूद पशुपालक इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. गव्य विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Chief Minister Livestock Development Scheme) से 90 प्रतिशत अनुदान पर गाय का लाभ ग्रामीण महिलाओं को दिया जाता है.

योजना में पारदर्शिता के नाम पर शर्त यह लगा दिया गया है कि गाय को पशु मेला से ही खरीदना है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर अब तक यहां पशु मेला लगाया ही नहीं गया है. इस वजह से पशुपालकों के बैंक में अनुदान की राशि पहुंचने के बावजूद वे गाय नहीं खरीद पा रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि 90 प्रतिशत अनुदान पर दो गायों को खरीदने की योजना है. इसकी कुल योजना राशि 2019 में 1.16 लाख तथा 2020-21 में 60.65 हजार रुपये रखी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 90 प्रतिशत अनुदान पर मिलनेवाली गायों के लिए 400 महिलाओं के खाते में 59,580 (प्रथम किस्त) रुपये प्रति लाभुक के हिसाब से भेज दी गयी है, लेकिन इस बीच विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने एवं उसके बाद गव्य विकास पदाधिकारी के सेवानिवृत होने के बाद पद खाली रहने की वजह से मेला नहीं लगाया जा सका.

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उसके बाद कोरोना काल की वजह से यह स्थगित रहा. इस बीच वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी 178 लाभुकों के खाते में 34075 (प्रथम किस्त) रुपये भेज दिये गये. इस राशि के भेजे जाने के बाद फिर से कोरोना काल शुरू होने की वजह से अब तक लंबित रखा गया है.

बताया गया कि गढ़वा जिले में लंबे समय से जिला गव्य विकास पदाधिकारी का पद रिक्त या प्रभार में रहा है. इस वजह से भी यह स्थिति उत्पन्न हुई है. वर्तमान में जिला पशुपालन पदाधिकारी को इसका प्रभार दिया गया है. दोनों विभागीय कार्यालय (गव्य व पशुपालन) के बीच की दूरी करीब दो किमी है. इस वजह से एक पदाधिकारी को फाइलों के मूवमेंट में परेशानी होती है.

पशुपालकों का खाता होल्ड किया गया

दोनों वित्तीय वर्ष के लिए योजना के चयनित सभी पशुपालकों के खाते को गव्य विकास पदाधिकारी के निर्देश पर बैंकों ने होल्ड कर दिया है. बताया गया कि पशुपालक अनुदान की राशि निकालकर उसे दूसरे मद में खर्च नहीं कर दें, इस वजह से उसे होल्ड किया गया है. खाता होल्ड होने की वजह से पशुपालक पैसे निकालकर अपने स्तर से गाय का क्रय नहीं कर सकते हैं.

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इस संबंध में पशुपालकों का कहना है कि पिछले साल 2020 में जून से लेकर फरवरी-मार्च 2021 के बीच मेला विभाग लगा सकता था, लेकिन विभाग ने जांच के नाम पर इसे लटका कर रखा. अब फिर से वित्तीय वर्ष का तीन महीना बीत चुका है़ कुछ समय बाद नये वित्तीय वर्ष 2021-20 के लिए लाभुकों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी जबकि पिछले दो वित्तीय वर्ष के लाभुक गाय खरीद ही नहीं सके हैं.

मेला के लिए डीसी को पत्र लिखा जा रहा है : धनिक लाल मंडल

इस संबंध में जिला गव्य विकास पदाधिकारी सह जिला पशुपालन पदाधिकारी धनिक लाल मंडल ने बताया कि कोरोना काल समाप्त होने के बाद अब मेला लगाने के लिए डीसी को पत्र लिखा जा रहा है. उनका निर्देश प्राप्त होने के बाद पशु मेला लगाकर गाय का वितरण कर दिया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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