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गढ़वा में धमकी देने के 30 घंटे के अंदर अपराधियों ने की विमल की हत्या, मृतक के भाई ने मांगी थी सुरक्षा

गढ़वा के सुखबाना गावं में अपराधियों ने जान से मारने की पहले धमकी दी, फिर 30 घंटे के अंदर विमल सिंह नामक 25 वर्षीय युवक की हत्या कर दी. धमकी देने पर मृतक के भाई ने पुलिस को आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की थी. अब पुलिस कार्रवाई का आश्वासन दे रही है.

Jharkhand Crime News: गढ़वा जिला के गढ़वा थाना क्षेत्र स्थित सुखबाना गांव में अपराधियों द्वारा 25 वर्षीय युवक विमल सिंह उर्फ मोना की हत्या कर दी. अपराधियों ने पहले इसके घर वालों को धमकी दी और 30 घंटे के अंदर घटना को अंजाम दिया. इस घटना के बाद ग्रामीण खौफजदा हैं. वहीं, पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है.

पहले दी धमकी, फिर कर दी हत्या

मृतक के बड़े भाई विकेश कुमार सिंह ने बताया कि विमल को एक दिन पहले ही श्यामराज शर्मा नामक अपराधी ने धमकी दी थी कि 24 घंटे के अंदर परिवार के लोगों का विकेट गिराते हुए घर उजाड़ देंगे. इस घटना के बाद उनके मंझले भाई आलोक सिंह ने मंगलवार को गढ़वा थाना में आवेदन देकर पुलिस को इससे अवगत कराया था तथा सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने किसी तरह का कोई कार्रवाई नहीं की. नतीजतन 30 घंटे के बाद उसके भाई विमल सिंह की हत्या अपराधियों द्वारा कर दी गयी.

ग्रामीणों ने की थी दो अपराधियों की हत्या

मालूम हो कि सुखबाना गांव में नहर के पास बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे विमल सिंह उर्फ मोना की अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस दौरान ग्रामीणों ने दो अपराधी कृष्णा पासवान एवं संतोष चंद्रवंशी को पकड़कर उसकी पत्थर से कूचकर हत्या कर दी थी. मारे गये दोनों अपराधियों के खिलाफ विभिन्न थाना में एक दर्जन से अधिक गंभीर आपराधिक घटनाओं में मामला दर्ज था.

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1.48 एकड़ जमीन पर भू-माफिया की है नजर

ग्रामीणों के अनुसार, गांव में 1.48 एकड़ जमीन जिस पर करीब 30-40 लोगों का कब्जा है. इनमें से कुछ लोगों का रसीद कटता है, जबकि कुछ लोगों का रसीद नहीं कटता है. सभी लोग उक्त भूखंड पर जमींदारी के समय से रहते आ रहे हैं. भू-माफियाओं की नजर इसी जमीन पर पड़ी हुई थी और वे अंचल की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर अचानक गांव में अपराधियों के साथ छह माह पहले से घर खाली कराने का दबाव बना रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि फर्जी डिमांड साल 2015-16 का बना हुआ दिखाया जा रहा है, लेकिन उसकी मूल प्रति काफी खोजबीन के बाद भी उनको अंचल में नहीं मिल रही थी.

जमीन खाली करने की मिल रही थी धमकी

उक्त जमीन पर घर बनाकर रहनेवाली मीरा देवी, मीना देवी, कवलपतिया देवी, आरती देवी, रवींद्र शर्मा आदि ने बताया कि अपराधी उन्हें उक्त भूखंड को खाली कराने की लगातार धमकी दे रहे हैं. चार-पांच महीना पहले ही यहां अपराधी जमीन की मापी कराने पहुंचे थे, उस दौरान भी अपराधी जमीन खाली करने की उन्हें धमकी दे रहे थे. धमकी देनेवालों में मारा गया संतोष चंद्रवंशी और कृष्णा पासवान भी था. यह घटना 29 दिसंबर, 2021 की है. स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बाद उस समय जमीन की मापी नहीं हुई. उस दौरान मारपीट की घटना भी घटित हुई थी.

ग्रामीणों का साथ देना विमल को पड़ा भारी

29 दिसंबर, 2021 की इस घटना के बाद सभी ग्रामीण एसपी एवं थाना को आवेदन दिये थे, लेकिन न तो थाना और न ही एसपी के यहां उनका आवेदन लिया गया. इस वजह से अपराधियों का मनोबल बढ़ गया था. उन्होंने कहा कि जमीन का फर्जी डिमांड दिखानेवाले चंद्रशेखर दूबे उर्फ कईल ने जमीन पर कब्जे को लेकर अपराधियों से उक्त जमीन का एग्रिमेंट करा लिया है. अपनी दबंगता साबित करने के लिए अपराधी विमल सिंह एवं उनके परिवार के लोगों को जबरन अपने साथ रखकर ग्रामीणों का घर खाली कराना चाहते थे, जबकि वे और उसके परिवार के लोग ग्रामीणों के साथ खड़े थे. इसी वजह से अपराधियों ने उनको टारगेट पर ले लिया था. अपराधियों को जमीन बिक्री में सहयोग नहीं करने पर ही उन्हें लगातार धमकी मिली रही थी. मंगलवार को बड़े भाई विकेश कुमार सिंह के फोन पर धमकी देते हुए 24 घंटे के अंदर विकेट गिराने की चेतावनी दी गयी थी. जब अपराधियों का कॉल आया, तो उनके छोटे भाई आलोक सिंह ने भी उनसे बात की. तब उन्हें भी धमकी मिली थी. आलोक सीआरपीएफ जवान हैं और छत्तीसगढ़ के सुकमा में पदस्थापित हैं. इन दिनों वह छुट्टी पर घर आये हुए हैं.

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घटना से पहले संतोष मेहता की अपराधियों ने की थी पिटायी

ग्रामीणों ने बताया कि विमल सिंह की हत्या के पूर्व शाम में दो बाइक से छह अपराधी पिस्टल लेकर गांव में पहुंचे थे. इस दौरान संतोष मेहता नामक युवक की उनलोगों ने पीटाई की थी. तब ग्रामीण महिलाओं ने काफी मिन्नत कर उसे छुड़ाया था. उसके करीब दो घंटे बाद अपराधी फिर से वहां नशे में धूत होकर पहुंचे और विमल सिंह की हत्या कर दी. ग्रामीणों का कहना है कि घटनास्थल से विमल सिंह के घर की दूरी करीब 350 मीटर है, जबकि ग्रामीणों के हत्थे चढ़े अपराधी संतोष चंद्रवंशी का घर घटनास्थल से 500 मीटर और कृष्णा पासवान के घर की दूरी एक किमी के करीब है. ग्रामीणों ने बताया कि भीड़ के हत्थे चढ़े दोनों युवकों का आपराधिक इतिहास रहा है. संतोष चंद्रवंशी तो घर में रहता ही नहीं था, पुलिस के डर से वह अक्सर घर से गायब रहता था. उसके परिवार के सदस्य यहां भाड़े के मकान में रेलवे क्रॉसिंग के करीब रहते हैं.

नौ लोगों पर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी

विमल सिंह की हत्या के बाद उनके भाई विकेश कुमार सिंह के आवेदन पर सुखबाना गांव निवासी अनिल पासवान उर्फ भीखू पासवान, अनिल राम, मदन चंद्रवंशी, उदय शेख, श्याम शर्मा, सोनपुरवा निवासी चंद्रशेखर दूबे उर्फ कईल, कृष्णा पासवान, संतोष चंद्रवंशी, शकील अंसारी के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी : एसपी

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने बताया कि एक पक्ष से विमल सिंह के भाई विकेश कुमार सिंह की ओर से नौ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जबकि दूसरे पक्ष से कृष्णा पासवान के पिता नरेश पासवान द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस दोनों के आवेदन की छानबीन कर रही है. घटना में जो भी दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई की जायेगी.

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रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.

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