Jharkhand News: अनाज की खोज में 36 दिन बाद पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गढ़वा जिले के भंडरिया व रंका पूर्वी वन क्षेत्र के गांवों में पहुंचे हाथियों के झुंड ने तेतरडीह गांव के बइरदामर के पास एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला. मृतक की पहचान होमिया गांव निवासी करमा बेसरा के रूप में हुई है. मृतक अपनी बेटी के घर तेतरडीह गांव से देर शाम वापस अपने गांव जा रहा था. इसी दौरान तेतरडीह-होमिया के जंगल में हाथियों ने उस पर हमला कर दिया. इससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी.
पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
सुबह ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली. मुखिया पति विनोद प्रसाद ने गढ़वा डीएफओ सहित अन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. थाना प्रभारी शिवलाल कुमार गुप्ता, भंडरिया वनक्षेत्र के वनपाल कमलेश कुमार व राकेश तिवारी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले के जानकारी ली और शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गढ़वा भेज दिया. इस दौरान वन विभाग ने मृतक के परिजनों को तत्काल दस हजार रुपये दिए.
जंगल में हाथियों ने कुचलकर मार डाला
बताया जा रहा है कि मृतक अपने परिवार के साथ तेतरडीह गांव में अपने समधी साहेब मांझी के घर आया था. इस दौरान अपनी बेटी सहित परिजनों के साथ शिवरात्रि के अवसर पर गोबरदाहा गांव में लगने वाले तीन दिवसीय मेले से घूमकर अपनी पत्नी सहित परिजनों को बेटी के घर छोड़ते हुए शाम में खाना खाकर वापस अपने गांव होमिया लौट रहा था. इसी दौरान होमिया-तेतरडीह के बीच जंगल में हाथियों की झुंड की चपेट में आ गया.
फसलों को रौंद कर हाथियों का झुंड
ग्रामीण बताते हैं कि कुछ दिन पहले सुबह सवेरे शौच करने गये तेतरडीह गांव निवासी लखन साव भी हाथियों के हमले से बच निकला था, लेकिन इस दौरान वह घायल हो गया था. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से हाथियों का झुंड इसी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में घूम रहा है. इससे ग्रामीणों में दहशत है. रात में हाथियों का झुंड खेतों में लगी गेहूं की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर दे रहा है.
चार लाख रुपये मिलेगा मुआवजा
गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी उन्हें मिली है. मृतक के परिजनों को प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने पर चार लाख रुपये मुआवजा की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि रात में जंगली क्षेत्रों में आवागमन नहीं करने को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता रहा है. इसके बावजूद लोग आवगमन कर रहे हैं. इससे बचने की जरूरत है.
रिपोर्ट: मुकेश तिवारी