वंशीधर मंदिर, सतबहिनी झरना व गुरुसिंधु जलप्रपात को मिला पर्यटन स्थल का दर्जा

गढ़वा : झारखंड सरकार कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने राज्य के अन्य जिलों के साथ गढ़वा जिले के तीन धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को पर्यटनस्थल घोषित किया है. इसमें गढ़वा जिले के श्रीवंशीधर नगर स्थित वंशीधर मंदिर, कांडी प्रखंड के सतबहिनी झरना एवं चिनिया प्रखंड के गुरुसिंधु जलप्रपात शामिल हैं. झारखंड सरकार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2019 7:30 AM

गढ़वा : झारखंड सरकार कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने राज्य के अन्य जिलों के साथ गढ़वा जिले के तीन धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को पर्यटनस्थल घोषित किया है. इसमें गढ़वा जिले के श्रीवंशीधर नगर स्थित वंशीधर मंदिर, कांडी प्रखंड के सतबहिनी झरना एवं चिनिया प्रखंड के गुरुसिंधु जलप्रपात शामिल हैं.

झारखंड सरकार कला संस्कृति विभाग की अधिसूचना संख्या 01 दिनांक 22 फरवरी 2019 में सुप्रसिद्ध वंशीधर मंदिर को ए ग्रेड (अंतर्राष्ट्रीय महत्व का) का दर्जा दिया गया है, जबकि सतबहिनी झरना को सी ग्रेड (राज्यस्तर के महत्व का) एवं गुरुसिंधु जलप्रपात(स्थानीय महत्व का) को डी ग्रेड में रखा गया है. इस प्रकार गढ़वा के विश्व प्रसिद्ध वंशीधर मंदिर एवं कांडी प्रखंड के सुर्खियों में आयी सतबहिनी झरना एवं गुरुसिंधु जलप्रपात को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने का वर्षों का प्रयास पूरा हो गया है.

अब मां गढ़देवी मंदिर की बारी है : चंद्रवंशी
सतबहिनी झरना को पर्यटन स्थल के रूप में घोषणा किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वंशीधर मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग काफी दिनों से चल रही थी. चूंकि वंशीधर मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा विश्व की अद्वितीय कला कृतियों में से एक है. इसलिए यह विलंब से ही हुआ, लेकिन एक ग्रेड में इसे रखा गया. यह पूरे गढ़वा जिले के लिए प्रसन्नता की बात है.
लेकिन सतबहिनी झरना को पर्यटन स्थल बनाने के लिए उन्होंने हाल में प्रयास शुरू किया था. इसके लिए सरकार पर लगातार दबाव बनाये हुए थे. अंतत: सरकार ने उनकी बात को स्वीकार किया और सतबहिनी झरना भी राज्यस्तरीय महत्व के पर्यटन स्थल में शामिल हो गया है. इसके बाद यहां अब विकास का द्वार खुल गया है. सरकार इस स्थल के सौंदर्यीकरण के लिये जो भी धन राशि की जरूरत होगी, वह खर्च करेगी और पूरे राज्य के लोग यहां घुमने और दर्शन के लिये आयेंगे.
उन्होंने इसके लिए स्थानीय जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जनता ने उन्हें विश्रामपुर से जीताकर विधायक और मंत्री नहीं बनाया होता, तो वे इस कार्य को नहीं करा पाते. उन्होंने कहा कि अब मां गढ़देवी मंदिर की बारी है. यह उनका पुराना सपना है. उसे भी जल्द पूरा कराके रहेंगे.

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