घाघरा में पेयजल संकट, 29 से बंद होगा एमडीएम

चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड की माटियाबांधी पंचायत स्थित पहाड़ों पर बसा नक्सल प्रभावित घाघरा गांव में जन प्रतिनिधियों और विभाग की लापरवाही से पेयजल संकट है. ग्रामीण टोलियों में बंट कर पानी के लिए पहाड़ों की खाक छान रहे हैं. घाघरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 117 बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2017 5:39 AM

चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड की माटियाबांधी पंचायत स्थित पहाड़ों पर बसा नक्सल प्रभावित घाघरा गांव में जन प्रतिनिधियों और विभाग की लापरवाही से पेयजल संकट है. ग्रामीण टोलियों में बंट कर पानी के लिए पहाड़ों की खाक छान रहे हैं. घाघरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 117 बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने के लिए पानी नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे में 29 मार्च से स्कूल में मिड डे मील बंद करने का निर्णय लिया है. इसको लेकर 28 मार्च को स्कूल में बैठक होगी.

125 परिवार वाले इस गांव के सभी चापाकल खराब हैं. सभी कुएं सूख गये हैं. ग्रामीणों को सालभर पानी उपलब्ध कराने वाला घाघ झरना सूख गया है. गांव के डीप बोरिंग का मोटर खराब हो गया है. स्कूल में घाघ झरना के पानी से मिड डे मिल बनता था. घाघ झरना में पानी नहीं है. ऐसे में माता समिति की सदस्य एक किमी दूर स्थित खेत में बने एक कच्चे कुएं से पानी लाकर मिड डे मील बनाती थी. अब स्थिति यह है कि उक्त कुआं भी सूखने के कगार पर है. इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है. लिहाजा माता समिति को पानी के अभाव में मिड डे मील बनाने में कठिनाई हो रही है. फिलहाल स्कूल के बच्चे अपने घरों से पानी से भरा बोतल लेकर स्कूल आते हैं. ग्रामीणों का पानी के लिए पहाड़ों में भटकना पड़ रहा है.

पानी के अभाव में माता समिति के सदस्यों को मिड डे मील बनाने में कठिनाई हो रही है. गांव में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. इसलिए मिड डे मील बंद करने के लिए विचार विमर्श किया गया. 28 मार्च को स्कूल में स्कूल प्रबंध समिति की बैठक आयोजित कर मिड डे मील बंद करने का फैसला सुना दिया जायेगा.
– रामचंद्र सिंह, अध्यक्ष, स्कूल प्रबंध समिति.
सभी चापाकल खराब, कुएं और झरने सूखे, डीप बोरिंग का मोटर खराब
एक किमी दूर स्थित कच्चे कुएं से गंदा पानी लाकर बनता है मिड डे मील

Next Article

Exit mobile version