बहिष्कृत महिला को मजदूरी से रोका

कांकड़ीशोल गांव के सात परिवार 15 माह से समाज से बाहर किये गये हैं जमीन विवाद को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर 6 नवंबर 2016 को किया था बहिष्कार बहिष्कृत परिवार को रैयत तालाब में नहाना, रैयत खेत में शौच जाना बंद बहिष्कृत परिवार से गांव का कोई नहीं करता है बातचीत, शादी-श्राद्ध में आना-जाना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2018 4:58 AM

कांकड़ीशोल गांव के सात परिवार 15 माह से समाज से बाहर किये गये हैं

जमीन विवाद को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर 6 नवंबर 2016 को किया था बहिष्कार
बहिष्कृत परिवार को रैयत तालाब में नहाना, रैयत खेत में शौच जाना बंद
बहिष्कृत परिवार से गांव का कोई नहीं करता है बातचीत, शादी-श्राद्ध में आना-जाना बंद
गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की बनकांटी पंचायत स्थित कांकड़ीशोल निवासी तीन भाई स्व कालीचरण मुर्मू, स्व मिठू मुर्मू और स्व प्रधान मुर्मू के सात परिवारों के करीब 25 सदस्य 15 महीने से बहिष्कृत जीवन जीने को विवश हैं. इन परिवारों को जमीन को लेकर उपजे विवाद के बाद ग्राम प्रधान रामधन बास्के की अध्यक्षता में ग्राम सभा कर बहिष्कार का फरमान सुनाया गया.
13 फरवरी को इसी गांव में राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचु के कोष से 7.86 लाख की लागत से बन रही 700 फीट सड़क निर्माण में बहिष्कृत परिवार स्व कालीचरण मुर्मू की बेटी माया मुर्मू मजदूरी करने गयी, तो ग्रामीणों उसे काम करने से यह कहते हुए रोक दिया कि तुम्हारा परिवार बहिष्कृत है. जबकि इस काम में गांव के 59 मजदूर लगे थे. काम करा रहे प्रभाष पातर ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के बाद माया मुर्मू को काम से रोक कर उसे उस दिन की मजदूरी दी गयी. नहीं तो मेरा काम बाधित हो जाता. उसके काम करने से अन्य मजदूरों काम करने से इनकार कर दिया. इससे बहिष्कृत परिवार के लोग नाराज है. उनका कहना है सरकारी काम है. कोई कैसे रोक सकता है. इससे गांव में विवाद बढ़ गया है.
बहिष्कृत परिवार के सदस्यों ने कहा-बटाई में खेती की थी :
बहिष्कृत जीवन जीने वाले परिवार के सदस्यों ने कहा कि कापागोड़ा के संतोष दास नाम व्यक्ति से बटाई में जमीन लेकर धान की खेती गयी थी. खेती के बाद विजय बास्के कुछ ग्रामीणों को लेकर धान काटने पहुंच गये, इसलिए विवाद हुआ था. विवाद के बाद बिना सूचना दिये ग्राम सभा कर बहिष्कार का फरमान सूचना दी गयी.

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