तीन वर्ष में ही बदहाल हो गया दुमका का चिल्ड्रेन पार्क

वर्ष 2014 में 42 लाख 22,438 रुपये की लागत से हुआ था सौंदर्यीकरण कार्य लाइट की नहीं है व्यवस्था, शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा दुमका : शहर में स्थित चिल्ड्रेन पार्क में कभी बच्चों की चहलकदमी तेज रहती थी. पर अब यहां विरानी छायी हुई है. पार्क में न तो बच्चों के खेलने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2017 5:07 AM

वर्ष 2014 में 42 लाख 22,438 रुपये की लागत से हुआ था सौंदर्यीकरण कार्य

लाइट की नहीं है व्यवस्था, शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा
दुमका : शहर में स्थित चिल्ड्रेन पार्क में कभी बच्चों की चहलकदमी तेज रहती थी. पर अब यहां विरानी छायी हुई है. पार्क में न तो बच्चों के खेलने के लिये पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है और न ही बड़ों के लिए घूमने के लिए साफ जगह. जिम्मेदारों की उदासीनता का शिकार यह पार्क दिन-ब-दिन बदहाल होता जा रहा है. इस कारण बच्चों की चहल कदमी खत्म सी हो गयी है. सूबे में पार्कों के सौंदर्यीकरण के प्रति सरकार भले ही काफी संजीदगी से कार्य करने का दावा कर रही हो, लेकिन जिला मुख्यालय में अवस्थित यह पार्क सौंदर्यीकरण कार्य से आज भी अछूता दिख रहा है. वर्ष 2014 में नगर परिषद ने 42 लाख 22,438 रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण का काम कराया.
तीन सालों में ही पार्क की स्थिति बदहाल हो गयी है. पार्क में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. पार्क में अबतक नयी लाइट की तो व्यवस्था नहीं की गयी है और जो पूराने लाइट हैं वह भी शो-पीस बनी हुई है. हालात यह है कि शाम ढलते ही पूरे पार्क में अंधेरा छा जाता है. वहीं पार्क में बच्चों के खेलने के लिए भी प्रयाप्त संसाधन नहीं है. पार्क में पूराने दो झूले तो लटक रहे है पर वह बेकार हो चुके है. बच्चों के लिए वर्षों पहले सीमेंट से बनाया गया स्लाइटर भी अपनी फिसलन खो चुका है. वही बच्चों को आकर्षित करने के लिए पार्क के अंदर बनाया गये जानवरों की मूर्ति मरम्मत की आश पर है. पार्क में दो स्थानों पर फब्बारा तो लगवाया गया था पर अब वह काम नही करता है. पार्क की देखरेख करने वाले आनंद सोरेन ने बताया कि पार्क में लोग का आना न के बराबर हो गया है. जो इस पार्क में आते है फिर दोबारा नहीं आना चाहते हैं.
बोले पदाधिकारी
पार्क को दूरुस्त करने का प्रयास चल रहा है. जो भी साधन टूट फूट गये है उसे मरम्मत करावाने की बात चल रही है.
पंकज कुमार कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य में भारी अनियमितता बरती गयी है. उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. यह पार्क शहर के लिए एक मात्र मनोरंजन का साधन है.
विनोद कुमार लाल, नगर पर्षद उपाध्यक्ष

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