कहीं फरवरी का गेहूं तो कहीं मार्च तक का ही बंटा है चावल

राजधनवार : 260 पीडीएस वाले धनवार प्रखंड में अनाज वितरण की स्थिति संतोषजनक नहीं है. अप्रैल का महीना आरंभ हो चुका है, लेकिन कुछ पंचायतों में अबतक फरवरी माह का गेहूं भी नहीं बंट पाया है. चावल की बात करें तो अभी कहीं मार्च का और कही कहीं मार्च के साथ-साथ अप्रैल के चावल वितरण […]

By Prabhat Khabar | April 8, 2020 1:36 AM

राजधनवार : 260 पीडीएस वाले धनवार प्रखंड में अनाज वितरण की स्थिति संतोषजनक नहीं है. अप्रैल का महीना आरंभ हो चुका है, लेकिन कुछ पंचायतों में अबतक फरवरी माह का गेहूं भी नहीं बंट पाया है. चावल की बात करें तो अभी कहीं मार्च का और कही कहीं मार्च के साथ-साथ अप्रैल के चावल वितरण किया जा रहा है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अंत्योदय कार्डधारियों को प्रति कार्ड 21 किलो चावल और 14 किलो गेहूं तथा पीएच कार्ड पर 3 किलो चावल व दो किलो गेहूं प्रति सदस्य दिया जाना है, बिना कार्ड वाले जरूरतमंद परिवार को भी एक रुपये प्रति किलो की दर पर दस किलो अनाज दिया जाना है, लेकिन डीलर अबतक ऐसे लाभुकों की सूची बनाने में ही लगे हुए हैं. क्या कहते हैं डीलर भलुटांड़ पंचायत अंतर्गत कारुडीह के डीलर मुकेश भारती की मां ने बताया कि फरवरी का चावल मिला था, जिसे बांटा जा चुका है. जनवरी के बाद गेहूं का आवंटन नहीं मिला है. बताया कि इसी पंचायत में पिछले ही माह कई डीलरों को फरवरी का गेहूं और मार्च का चावल भी मिल गया. एक ही पंचायत में अनाज आपूर्ति की दोहरी नीति से हम डीलरों पर नाहक अंगुली उठने लगती है. कहा कि आवंटन प्राप्त होते ही फरवरी के गेहूं सहित मार्च-अप्रैल के चावल का वितरण कर दिया जायेगा. पचरुखी पंचायत के डीलर रामेश्वर रजक ने बताया कि मार्च के अंत मे फरवरी का गेहूं व मार्च का चावल मिला था, जिसे वह कार्डधारियों में बांट चुके हैं. बताया कि पंचायत में दर्जनों जरूरतमंद हैं, लेकिन उनके पास कार्ड नहीं है. ऐसे लोगों की सूची विभाग को पूर्व में ही समर्पित की जा चुकी है. वर्तमान में मुखिया सुनयना देवी ने पंचायत में मिले चावल में 10-10 किलो बांटा तथा मुखिया ने मुझसे भी कुछ लोगों को 10 किलो करके चावल दिलाया. बताया कि एमओ से संपर्क नहीं हो पा रहा है. मार्च का गेहूं और अप्रैल-मई के आवंटन मिलते ही कार्डधारियों में वितरण कर दिया जायेगा.

ग्रामीणों ने कहा, हो रही परेशानी

भलुटांड़ पंचायत के कारुडीह के ग्रामीण सकलदेव शर्मा को राशन कार्ड नहीं है. श्री शर्मा ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. बताया कि पहले इनका राशन कार्ड बना था, लेकिन फिर कैंसिल कर दिया गया. इस कारण राशन नहीं मिलता है. बताया कि पंचायतवार भी अनाज नहीं मिलने से इस लॉकडाउन में परेशानी हो रही है. कारुडीह के ही देवकी राय को भी राशन कार्ड नहीं है. वह टैक्सी चालक है. बताया कि लॉकडाउन में इन दिनों घर में बैठे हैं, आय बंद हो गयी है. कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है. पडरिया पंचायत के दुधरवा पचरुखी निवासी रामदेव विश्वकर्मा ने बताया कि उनके गांव में जनवरी के चावल के बाद डीलर ने कोई राशन नहीं बांटा है. इस संबंध में एमओ से शिकायत भी की गयी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

दुघरवा पचरुखी के ही सदानंद विश्वकर्मा ने बताया कि कुछ डीलरों को मुखिया प्रतिनिधि का संरक्षण प्राप्त है. इसी वजह से वे राशन नहीं बांटते हैं और दबंगई भी करते हैं. कहा कि पंचायत में राशन कार्ड विहीन गरीबों के बीच आपदा राहत का चावल भी नहीं बांटा गया है. पचरुखी पंचायत के कार्डधारी अजीत रजक ने बताया कि पंचायत में फरवरी तक के गेहूं और मार्च तक के चावल का विरतण हुआ है. सभी डीलरों ने लाभुकों को एक-दो किलो कम अनाज का वितरण किया है. क्या कहते हैं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी एमओ विद्याभूषण राम ने बताया कि धनवार प्रखंड में 208 पीडीएस है. फरवरी तक का गेहूं और मार्च जा चावल बंटवा दिया गया है. बताया कि अंत्योदय में 35 किलो और पीएच कार्ड पर प्रति सदस्य पांच किलो अनाज का वितरण किया जाता है. शिकायत मिलने पर डीलरों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है. अप्रैल और मई के अनाज का जल्द ही वितरण करने की तैयारी लगभग हो चुकी है, एक-दो दिनों में वितरण शुरू हो जायेगा. डीलरों से बिना कार्ड वाले लाभुकों की सूची तैयार कराई जा रही है. फिलहाल उन्हें पंचायत के मुखिया के द्वारा अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

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