धनबाद में छंटनी के विरोध में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH) में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल छठे दिन बुधवार को समाप्त हो गयी. 97 आउटसोर्स कर्मियों की छंटनी पर पुनर्विचार के स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन पर कर्मी काम पर लौटने को राजी हुए. गुरुवार से स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जतायी जा रही है. जानकारी के अनुसार आउटसोर्स कर्मियों के समर्थन में बाघमारा विधायक ढुलू महतो बुधवार को दोपहर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) अरुण कुमार सिंह से फोन पर वार्ता की. विधायक ने बताया कि एसीएस ने आश्वासन दिया है कि वर्तमान में किसी कर्मी की छंटनी अगले आदेश तक नहीं होगी. जल्द ही इस संबंध में स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा अधीक्षक को पत्र निर्गत किया जायेगा.
बता दें कि स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने एसएनएमएमसीएच के आउटसोर्स कर्मियों की संख्या निर्धारित करते हुए 425 से 328 करने का निर्देश दिया था. इसी के विरोध में छह दिनों से कर्मी हड़ताल पर थे. इस कारण अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी थी.
विधायक ने आंदोलनकारियों को पिलाया जूस
मंत्री-एसीएस से वार्ता के बाद विधायक ढुलू महतो ने अधीक्षक डॉ अरुण कुमार बरनवाल व आउटसोर्स एजेंसी एमएस फ्रंटलाइन बिजनेस सोल्यूशन के प्रतिनिधि को बुलवाया. उनके समक्ष विधायक उन्होंने जूस पिलाकर आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल समाप्त करायी. शाम चार बजे से कर्मी अपने-अपने काम पर लौटने लगे. विधायक ने कहा कि सभी के प्रयास का नतीजा है कि आउटसोर्स कर्मियों का आंदोलन सफल रहा. अस्पताल संचालन में लगभग एक हजार कर्मियों की जरूरत है. ऐसे में छंटनी का सवाल ही नहीं उठता.
एसीएस के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त हुई है. अबतक छंटनी संबंधी आदेश वापस लेने को लेकर कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. लिखित प्राप्त होते ही सभी कर्मियों को पहले की तरह नियमित कर दिया जाएगा.
-डॉ अरुण कुमार बरनवाल, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच
विधायक की पहल पर कर्मियों ने हड़ताल समाप्त की है. छंटनी वापस लेने के संबंध में स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. मुख्यालय को जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा.
-सुजीत कुमार, प्रतिनिधि, एमएस फ्रंटलाइन
हड़ताल समाप्त होने के बाद काम पर लौटे कुछ कर्मी
धनबाद में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल का असर बुधवार को भी दिखा. हालांकि हड़ताल समाप्त होने के बाद कुछ कर्मी काम पर लौट गये हैं और शेष गुरुवार से अपनी सेवा देंगे. हालांकि, काम पर पहुंचे किसी की हाजिरी नहीं बनी. दूसरी ओर कर्मियों के काम पर लौटने से अस्पताल में भर्ती मरीजों को राहत मिली. गुरुवार से अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा सामान्य होने की उम्मीद है. बुधवार को अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण विभिन्न वार्ड खाली हो गये है.
खासकर सर्जरी, ऑर्थो विभाग में पिछले दो दिन में 60 से ज्यादा मरीजों को यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया कि आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल है. उनकी मरहम-पट्टी करने वाला कोई नहीं है. मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने के लिए कर्मियों का घंटों इंतजार करना पड़ा. कर्मी नहीं होने के कारण मरीजों के परिजन खुद से उन्हें वार्ड तक ले गये. नाश्ता व खाना भी देर से मिला. इसी तरह सेप्टिक वार्ड में भर्ती पारसनाथ की महिला मालती देवी के पांव में जख्म की ड्रेसिंग पांच दिन से नहीं हो रही थी. बुधवार को अस्पताल पहुंचे उनके परिजनों ने खुद से पांव के जख्म को साफ किया और मरहम-पट्टी की.
इलाज पूरा किये बगैर दे दी गयी छुट्टी
बुधवार को इमरजेंसी में भर्ती राजगंज के रहने वाले रामजन्म सिंह का इलाज पूरा नहीं होने के बावजूद छुट्टी दे दी गई. उन्हें हड़ताल समाप्त होने के बाद आने को कहा गया है. यूरिनल के रास्ते में कैथेटर लगाये वह बुधवार की दोपहर घर चले गये. इसी तरह अन्य विभागों में भी हड़ताल का असर दिखा.