धनबाद के सिंदरी में जल्द शुरू होगा ‘अपना यूरिया सोना उगले’ उर्वरक की आपूर्ति, जानें कब से शुरू करने की है योजना

वैश्विक महामारी कोराेना के बावजूद संयंत्र का कार्य निर्बाध चल रहा है. इस बात की पूरी संभावना है कि साल के उत्तरार्ध यानी दिसंबर महीने में उत्पादन शुरू हो जायेगा. हाल ही में केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भी संसद में इस आशय की घोषणा की. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो सिंदरी इकाई से ‘अपना यूरिया सोना उगले’ की आपूर्ति झारखंड-बिहार सहित पूरे देश में नौ महीने बाद शुरू हो जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2021 1:21 PM

Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : धनबाद जिला मुख्यालय से करीब 26 किलोमीटर दूर दामोदर नद व बंगाल की सीमा से सटी ‘सिंदरी’ एकबार पुन: ‘सुंदरी’ बनने की राह पर है. फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की जगह यहां स्थापित हो रहे हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के प्लांट से अगले कुछ महीनों में उत्पादन शुरू होने वाला है.

वैश्विक महामारी कोराेना के बावजूद संयंत्र का कार्य निर्बाध चल रहा है. इस बात की पूरी संभावना है कि साल के उत्तरार्ध यानी दिसंबर महीने में उत्पादन शुरू हो जायेगा. हाल ही में केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भी संसद में इस आशय की घोषणा की. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो सिंदरी इकाई से ‘अपना यूरिया सोना उगले’ की आपूर्ति झारखंड-बिहार सहित पूरे देश में नौ महीने बाद शुरू हो जायेगी.

हर्ल महाप्रबंधक हिम्मत सिंह चौहान कहते हैं, ‘देश को उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है. कोविड-19 के कारण प्रोजेक्ट शुरू होने में छह माह विलंब जरूर हुआ, परंतु तमाम चुनौती के बावजूद हम बेहतर क्वालिटी का यूरिया उत्पादन करने को तैयार हैं. सरकार ने 17 नवंबर की तिथि तय की है. ट्रायल शुरू हो चुका है. सिंदरी यूनिट से झारखंड सहित पूरे देश को आपूर्ति सुनिश्चित होगी.

हालांकि सरकार द्वारा अभी आवंटन (एलोकेशन) प्राप्त नहीं हुआ है.’

हर दिन 84700 बैग यूरिया की पैकेजिंग : यहां से प्रत्येक साल 12.70 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेट यूरिया का उत्पादन का लक्ष्य है, जबकि हर दिन 3850 टन यानी 84,700 बैग यूरिया का उत्पादन होगा. उर्वरक संयंत्र का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. बैगिंग यूनिट को छोड़ दें, तो हर हिस्सा बन कर तैयार है.

नीम कोटेट होने के कारण यहां से उत्पादित यूरिया का इस्तेमाल अन्य कार्य में नहीं हो सकेगा. याद रहे कि 25 मई 2018 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्ल की सिंदरी इकाई की नींव रखी थी. बताया जाता है कि यहां प्रत्यक्ष रूप से 1500 लोगों को रोजगार मिल सकेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 5 से 10000 लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे.

निर्माण पर 4500 करोड़ रुपये खर्च : सिंदरी खाद कारखाना के निर्माण का बजट करीब 7000 करोड़ रुपया है. हर्ल प्रबंधन के मुताबिक, अब तक प्लांट निर्माण पर करीब 4500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह कारखाना गैस आधारित है. प्लांट के संचालन के लिए प्रति घंटे 90,910 एनएम नेचुरल गैस की आवश्यकता होगी. गेल इंडिया के सहयोग से सिंदरी कारखाना तक नेचुरल गैस पहुंचाने के लिए धंधवा से गैस पाइपलाइन बिछायी गयी है. करीब 9.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन दामोदर नदी के नीचे-नीचे बिछायी गयी है.

जानें उर्वरक प्लांट के बारे में

हर साल 12.70 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन

झारखंड-बिहार सहित पूरे देश में सप्लाई

Posted By : Sameer Oraon

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