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Jharia Rehabilitation Latest News : झरिया पुनर्वास पर सीधा संवाद में बोले रैयत, फ्लैट की जगह मिले ये सुविधाएं, बीसीसीएल के सीएमडी ने अधिकारियों को दी ये नसीहत

Jharia Rehabilitation Latest News, Jharkhand News, धनबाद : झरिया पुनर्वास को लेकर पहली बार आयोजित सीधा संवाद कार्यक्रम में रैयतों ने बेलगड़िया की तर्ज पर फ्लैट देने के बजाय जमीन का टुकड़ा या मुआवजा देने और मकान बनाने को यथोचित राशि देने की मांग की है. रैयतों ने वैसी जगह बसाने को कहा, जहां मूलभूत उम्दा सुविधा मिले और रोजगार या स्वरोजगार के साधन हों. साथ ही पुनर्वास नहीं होने तक विस्थापन क्षेत्र में माइनिंग नहीं करने का सुझाव दिया.

Jharia Rehabilitation Latest News, Jharkhand News, धनबाद : झरिया पुनर्वास को लेकर पहली बार आयोजित सीधा संवाद कार्यक्रम में रैयतों ने बेलगड़िया की तर्ज पर फ्लैट देने के बजाय जमीन का टुकड़ा या मुआवजा देने और मकान बनाने को यथोचित राशि देने की मांग की है. रैयतों ने वैसी जगह बसाने को कहा, जहां मूलभूत उम्दा सुविधा मिले और रोजगार या स्वरोजगार के साधन हों. साथ ही पुनर्वास नहीं होने तक विस्थापन क्षेत्र में माइनिंग नहीं करने का सुझाव दिया.

शनिवार को टाउन हॉल में भू-धंसान व अग्नि प्रभावित 595 साइट के रैयतों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित कराने के उद्देश्य से उपायुक्त-सह-प्रबंध निदेशक झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार (जेआरडीए) उमा शंकर सिंह और बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने नये रैयतों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर उनके सुझावों को सुना. इस दौरान झरिया, लोदना, गोधर, बरोरा, ब्लॉक-टू, गडरिया, भौंरा, केंदुआडीह, पुटकी बलिहारी सहित अन्य क्षेत्र के रैयतों ने खुलकर अपने सुझाव और मांगों को जिला प्रशासन व बीसीसीएल प्रबंधन के समक्ष रखा. बैठक में उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, बीसीसीएल के निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) चंचल गोस्वामी, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, जेआरडीए प्रभारी मोहम्मद गुलजार अंजुम, जेआरडीए परामर्शी सुनील दलेला के अलावा बीसीसीएल के सभी एरिया जीएम व संबंधित पदाधिकारी तथा विभिन्न क्षेत्र से बड़ी संख्या में रैयत मौजूद थे.

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उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार कर रही हैं. रैयतों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए पुनर्वास नीति बनानी है. सब जगह बेलगड़िया मॉडल को लागू नहीं किया जायेगा. जनभागीदारी के साथ रैयतों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर नीति बनायी जायेगी. उन्होंने कहा : संवाद के दौरान रैयतों द्वारा बेहतर सुझाव को सूचीबद्ध किया गया है. जिला प्रशासन ने पुनर्वास को गंभीरतापूर्वक लिया है. रैयत जिला प्रशासन पर विश्वास रखे. संवाद के दौरान जो भी सुझाव आये है, उन्हें सरकार के समक्ष 27 जनवरी को आयोजित बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा, ताकि इसका सकारात्मक परिणाम उभर कर सामने आ सके. उपायुक्त ने कहा : जिला प्रशासन कभी भी एकतरफा निर्णय नहीं लेता. प्रशासन व बीसीसीएल को जितनी बार रैयतों के पास जाने की आवश्यकता होगी, उतनी बार जायेंगे और समस्याओं का समाधान करने का हर संभव प्रयास होगा. जेआरडीए की कार्य संस्कृति में पारदर्शिता बढ़ेगी.

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बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि बीते वर्षों में रैयतों के साथ जो कुछ भी हुआ उसे भुला कर सभी को आगे बढ़ने की जरूरत है. कल को छोड़ वर्तमान को बेहतर करने की जरूरत है. सभी लोग चाहते है कि बीसीसीएल कोयला उत्पादन करे. क्योंकि बीसीसीएल है, तो धनबाद है. इसके लिए बीसीसीएल के अधिकारियों को भी अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाना होगा. हम राष्ट्र के नौकर हैं. इसलिए हम, अधिकारियों को लाटसाहबी छोड़ रैयतों की समस्या सुननी होगी और उसका समाधान करना होगा. सीएमडी श्री सिंह ने बीसीसीएल के सभी एरिया में संचालित समाधान केंद्र का पूरी ईमानदारी के साथ संचालन करने पर जोर देते हुए सभी जीएम को प्रत्येक गुरुवार को रैयतों की समस्या सुनने के निर्देश दिये. सीएमडी ने रैयतों को बीसीसीएल पर भरोसा रखने एवं नया अध्याय लिखने में सहभागिता निभाने का अनुरोध किया.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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