बैंकों में नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंस का पालन

लॉकडाउन में सरकार ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. सरकार ने जन-धन योजना के लाभुकों के खाते में 500 रुपया तथा उज्ज्वला योजना के लाभुकों को गैस सिलेंडर भराने के लिए उनके खाते में 803 रुपये 50 पैसे भेजा है. मंगलवार को यह राशि निकालने के लिए झरिया, कतरास-बाघमारा […]

By Prabhat Khabar | April 8, 2020 12:55 AM

लॉकडाउन में सरकार ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. सरकार ने जन-धन योजना के लाभुकों के खाते में 500 रुपया तथा उज्ज्वला योजना के लाभुकों को गैस सिलेंडर भराने के लिए उनके खाते में 803 रुपये 50 पैसे भेजा है. मंगलवार को यह राशि निकालने के लिए झरिया, कतरास-बाघमारा और निरसा कोयलांचल के बैंकों की शाखाओं में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का तनिक भी ख्याल नहीं रहा. दरअसल, कोरोना महामारी जैसे संकट से उबरने में सामाजिक दूरी सबसे अहम मानी जा रही है. शासन-प्रशासन इसके पालन पर जोर दे रहे हैं, लेकिन लोग हैं कि मानने को तैयार नहीं. क्या बाजार, क्या बैंक, हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का जम कर उल्लंघन हो रहा है.

आज यह नजारा बैंकों के बाहर देखने को मिला. जानकार बताते हैं कि क्षेत्र में किसी ने यह अफवाह फैला दी थी कि सरकार ने लाभुकों के खाते में जो पैसे भेजे हैं, अगर वे उसकी निकासी नहीं करते हैं तो खाते से पैसा वापस कर लिया जायेगा. इसी डर से लाभुक पैसे की निकासी के लिए अपने नजदीकी बैंकों में उमड़ पड़े. चिलचिलाती धूप में ग्रामीण घंटों जमे रहे. आलम यह रहा कि इन स्थानों पर लोग एक मीटर की दूरी बनाये रखना तो दूर, लाभ पाने के लिए एक दूसरे के ऊपर चढ़े जा रहे थे. लोग शाखाएं खुलने से पूर्व ही कतारबद्ध खड़े हो गये थे. जब बैंक कर्मी पहुंचे, तो लोगों को देख पसीने छूटने लगे. जगह-जगह शाखा प्रबंधक ग्राहकों को सामाजिक दूरी के निर्देशों का पालन करने और मुंह ढंकने की अपील करते देखे गये. बैंक कर्मियों ने दिशा-निर्देशों का पालन करने पर ही काम होने की चेतावनी दी, किंतु चेतावनी और अपील का कोई असर नहीं पड़ा. बार-बार समझाने के बाद भी लोगों ने सामाजिक दूरी नहीं बनायी. कुछ जगह बैंक के बाहर सामियाना डाल कर लोगों को बैठाया गया. शाखा के अंदर गिनती के लोगों को प्रवेश दिया गया, जो बनाये गये घेरे के अंदर खड़े थे. लोगों को अपनी बारी आने पर ही शाखा परिसर में प्रवेश करने की इजाजत थी. कुछ जगह पुलिस को मोर्चा संभालनी पड़ी.

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