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कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोल इंडिया के सीएमडी को दिये निर्देश, वेतन समझौते पर कही यह बात

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोल इंडिया के सीएमडी प्रमोद अग्रवाल को निर्देश दिया है कि वह अपने गैर-कार्यकारी कर्मचारियों यानी कोयला कर्मियों के साथ वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस मुद्दे पर मजदूर संघों को हड़ताल पर नहीं जाने देंगे.

Coal India News: कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (Coal Minister Prahlad Joshi) ने कोल इंडिया के सीएमडी प्रमोद अग्रवाल को निर्देश दिया है कि वह अपने गैर-कार्यकारी कर्मचारियों यानी कोयला कर्मियों के साथ वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करें. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी लंबित मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस मुद्दे पर मजदूर संघों को हड़ताल पर नहीं जाने देंगे. कोल इंडिया लिमिटेड के कुल कार्यबल में गैर-कार्यकारी कर्मचारियों का हिस्सा 90 प्रतिशत से अधिक है. उनके वेतन को हर पांच साल में संशोधित किया जाता है.

श्रमिक मांग रहे 28 फीसदी की वृद्धि

मजदूर संघ के एक नेता के अनुसार, श्रमिक वेतन में 28 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जबकि कोल इंडिया ने 10.5 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की है. जोशी ने बताया कि आमतौर पर समझौता कोल इंडिया और मजदूर संघों के बीच होता है. उन्होंने प्रबंधन से कहा है कि उनके साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखें और बैठक कर इस मुद्दे को सुलझायें. वह चाहते हैं कि जो भी मुद्दे लंबित हैं, उन्हें सुलझाया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि पिछले पांच-छह महीनों से वेतन संशोधन पर कोल इंडिया प्रबंधन और मजदूर संघों के बीच बातचीत चल रही है और जल्द से जल्द समाधान पर पहुंचने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि समझौता बहुत जल्द होगा. उन्होंने कोल इंडिया सीएमडी और पीएसयू के अन्य निदेशकों से उदार होने को कहा है और वे इस पर काम कर रहे हैं. इस समझौते से सीआइएल के लगभग 2.39 लाख गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को लाभ होगा और यह एक जुलाई 2021 से देय है.

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डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज की गाइडलाइन में बिना छूट समझौता नहीं

जेबीसीसीआइ की बैठकों में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज की गाइडलाइन का मुद्दा लगातार उठता रहा है. बीते दो अगस्त को बीएमएस, एचएमएस, एटक और सीटू नेता इसको लेकर कोयला मंत्री से मिले थे. मुलाकात में सीटू नेता डीडी रामनंदन ने डीपीइ का मुद्दा उठाया. मंत्री, कोल सचिव एवं अपर सचिव इस पर सहमत थे. मंत्री ने यूनियनों को इस बारे में विस्तार से लिखकर देने को कहा. आठ अगस्त को एचएमएस, एटक और सीटू ने मंत्री को लिखकर दिया. सात सितंबर को कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय के निदेशक (कानून एवं औद्योगिक संबंध) रामशिरोमणि सरोज को पत्र लिखा और कहा कि डीपीइ यानी डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज की गाइडलाइन में बिना छूट के वेतन समझौता संभव नहीं है. सरोज ने 31 अक्टूबर को डीपीइ को पत्र लिख छूट देने का आग्रह किया.

कोयला मंत्री नहीं चाहते आंदोलन

इधर, हाल में संपन्न जेबीसीसीआइ की बैठक के बाद यूनियनों के रुख को देख कोयला मंत्री नहीं चाहते कि कोयला उद्योग में आंदोलन हो. 30 नवंबर को कोलकाता में संपन्न सातवीं बैठक में यूनियनों ने 28 प्रतिशत मिनिमम गारंटेड बेनिफिट की मांग की थी. प्रबंधन ने 10.5 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव दिया. इसे यूनियनों ने खारिज कर बैठक का बहिष्कार कर दिया. सीटू नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामनंदन ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है. कोयला मंत्री को सभी यूनियनों को बुलाकर बात करनी चाहिए. हमें आंदोलन करने का कोई शौक नहीं है.

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यह भी जानें

श्रमिक वेतन में 28 प्रतिशत वृद्धि की कर रहे मांग

कोल इंडिया ने की है 10.5 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश

कोल इंडिया के कुल कार्यबल में है गैर-कार्यकारी कर्मचारियों का हिस्सा 90 प्रतिशत से अधिक

मंत्री ने कहा

मजदूर संघों को नहीं जानें देंगे हड़ताल पर

कोल इंडिया सीएमडी और अन्य निदेशक (पीएसयू) उदार हों

बहुत जल्द होगा समझौता

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