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Jharkhand: बिहार कोलियरी कामगार यूनियन हुआ दो फाड़, सीपीएम व मासस ने बनायी दो अलग-अलग कमेटी

प्रखर मार्क्सवादी चिंतक एके राय द्वारा सत्तर के दशक में स्थापित बिहार कोलियरी कामगार यूनियन (बीसीकेयू) आज दो फाड़ हो गयी. रामगढ़ में संपन्न दो दिवसीय 10 वें अधिवेशन के अंतिम दिन मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) और सीपीआइ (एम ) आमने-सामने आ गये.

सत्येंद्र सिंह, धनबाद

Dhanbad News: प्रखर मार्क्सवादी चिंतक एके राय द्वारा सत्तर के दशक में स्थापित बिहार कोलियरी कामगार यूनियन (बीसीकेयू) आज दो फाड़ हो गयी. रामगढ़ में संपन्न दो दिवसीय 10 वें अधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) और सीपीआइ (एम ) आमने-सामने आ गये. अध्यक्ष पद हुए विवाद के बाद दोनों ने अपनी अपनी कमेटी की घोषणा कर दी. बीसीकेयू (मासस) ने मिथिलेश सिंह को अध्यक्ष व निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी को महासचिव घोषित किया, तो बीसीकेयू (सीपीएम) ने सुंदर लाल महतो को अध्यक्ष व मानस चटर्जी को महासचिव घोषित किया.

जानिए पूर्व जिला सचिव ने क्या कहा

सीपीएम के पूर्व जिला सचिव व बीसीकेयू नेता सुरेश गुप्ता ने कहा : हमलोग मानस चटर्जी का नाम अध्यक्ष के लिए दिये. वे लोग मिथलेश सिंह का नाम का प्रस्ताव किया. हमलोगों ने कहा : पहले भी एके राय अध्यक्ष एवं एसके बक्सी महामंत्री थे. वैसे भी मिथलेश सिंह उम्रदराज हैं, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष हैं. एक व्यक्ति एक पद का पालन होना चाहिए. लेकिन वे लोग नहीं माने. तब हमलोगों ने सुंदरलाल महतो को अध्यक्ष व मानस चटर्जी को महासचिव घोषित किया व अधिवेशन से निकल गये.

अरूप चटर्जी का बयान

अरूप चटर्जी ने कहा : वे लोग किसी को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे. सदन बहुमत के आधार पर फैसला चाहता था. अधिवेशन में उपस्थित 80 प्रतिशत प्रतिनिधियों ने मिथलेश सिंह को अध्यक्ष व हमें महासचिव चुना. अगर उनको कुछ कहना था तो सदन के अंदर कहना चाहिए था. दूसरे गुट द्वारा कमेटी घोषणा के बारे में श्री चटर्जी ने कहा करने दीजिए.

मानस चटर्जी का बयान

मानस चटर्जी ने कहा : सीपीएम गुट के महासचिव मानस चटर्जी ने महाधिवेशन में 35 सदस्यीय नयी कमेटी का गठन हुआ है. नयी कमेटी कोयला खदानों को निजी हाथों में जाने से बचाने, 11 वां वेतन समझौता का जल्द करने के लिए और बीसीसीएल व इसीएल को कोल इंडिया से अलग करने, बीसीसीएल का शेयर बेचने के खिलाफ जोरदार आंदोलन करेगी.

70 के दशक में हुई थी बीसीकेयू की स्थापना

70 के दशक शुरुआत में शिमला बहाल कोलियरी में माफियाओं के लोगों द्वारा मजदूरों के शोषण के देख एक दिन एके राय ने मीटिंग बुलायी. इसमें बिनोद बिहारी महतो, एसके बक्सी, मुकुटधारी सिंह, जमुना सहाय, राजनंदन प्रसाद, रामदेव सिंह समेत कुछ मजदूर शामिल हुए. जमुना सहाय ने मजदूर संगठन के गठन का विरोध किया. उनका कहना था कि पहले से एक जनवादी मजदूर संगठन है तो फिर दूसरे संगठन की कोई जरूरत नहीं. बिनोद बिहारी महतो आदि ने सहाय का विरोध करते हुए गठन का समर्थन किया. घंटों चली मीटिंग के बाद आखिरकार मजदूरों का एक नया संगठन बिहार कोलियरी कामगार यूनियन का गठन हुआ. हालांकि मीटिंग से कुछ लोग निकल भी गये थे. उस समय संगठन का नारा था – स्वभिमान और चरित्र निर्माण. इस संगठन में मासस, सीपीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा शामिल थे. कुछ साल पहले झामुमो ने भी अपना एक अलग मजदूर संगठन बना लिया. कॉमरेड राय और एसके बक्सी जब तक जीवित रहे, अध्यक्ष , महासचिव का पद संभाले रहे. दोनों अलग अलग पार्टी में थे, पर यूनियन में एक साथ थे. कॉमरेड बक्सी निरसा में मासस उम्मीदवार स्व गुरुदास चटर्जी के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़े. हालांकि बक्सी चुनाव हार गये, तब गुरुदास चटर्जी बीसीकेयू के एरिया सचिव व बक्सी बीसीकेयू के महासचिव हुआ करते थे. जुलाई 2019 को कॉमरेड राय का निधन हुआ, हालांकि वे 2014 से बीमार चल रहे थे. 2017 कि अधिवेशन में कॉमरेड बक्सी को महासचिव के बजाय अध्यक्ष बनाया गया था. यूनियन के स्थापना काल से 2017 तक वे महासचिव रहे. 18 अप्रैल 2021 को कॉमरेड बक्सी का निधन हो गया. जब तक कॉमरेड राय और कॉमरेड बक्सी जीवित रहे तब तक सीपीएम एवं मासस एक साथ रहे.

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