पावर कंपनियों के बकाए की वजह से BCCL की हालत खराब, कर्मचारियों की सैलरी जुटा पाना भी पड़ रहा भारी

Jharkhand news, Dhanbad news : विभिन्न पावर कंपनियों पर बीसीसीएल का 3600 करोड़ से अधिक यानी 3630.82 करोड़ का बकाया है. इस वजह से मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. सेल, एनटीपीसी व डीवीसी समेत अन्य पावर कंपनियों के पास बकाया है. इसमें 518.90 करोड़ रुपये के बकाया डिस्प्यूटेड (विवाद) है. आलम यह है कि कंपनी को ससमय अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी परेशानी हो रही है. 15 अक्तूबर को रांची में हुई कोल इंडिया स्टेंडराइजेशन कमेटी (Coal India Standerization Committee) की बैठक में भी बीसीसीएल ने इस बात को माना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2020 3:46 PM

Jharkhand news, Dhanbad news : धनबाद (मनोहर कुमार) : विभिन्न पावर कंपनियों पर बीसीसीएल का 3600 करोड़ से अधिक यानी 3630.82 करोड़ का बकाया है. इस वजह से मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. सेल, एनटीपीसी व डीवीसी समेत अन्य पावर कंपनियों के पास बकाया है. इसमें 518.90 करोड़ रुपये के बकाया डिस्प्यूटेड (विवाद) है. आलम यह है कि कंपनी को ससमय अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी परेशानी हो रही है. 15 अक्तूबर को रांची में हुई कोल इंडिया स्टेंडराइजेशन कमेटी (Coal India Standerization Committee) की बैठक में भी बीसीसीएल ने इस बात को माना है.

कई और समस्या है विद्यमान

कंपनी अपने मासिक लक्ष्य के मुताबिक रियलाइजेशन (Realization) नहीं कर पा रही है. इस कारण बीसीसीएल को अपने स्थापना खर्च को पूरा करने के लिए लोन एवं ओडी (Over draft) का सहारा लेना पड़ रहा है. कंपनी प्रबंधन के मुताबिक बकाया राशि मिल जाये, तो कंपनी दोबारा आर्थिक रूप से मजबूत हो जायेगी.

मेडिकल, एलटीसी- एलएलटीसी के भुगतान पर रोक

फंड की समस्या के कारण बीसीसीएल कॉस्ट कटिंग (Cost cutting) पर जोर दे रहा है. पिछले 6 माह से अधिक समय से कर्मचारियों के मेडिकल (Medical), लिव इनकैशमेंट (Live Incashment), एलटीसी (LTC) व एलएलटीसी (LLTC) आदि के भुगतान पर रोक लगाये हुए है. इतना ही नहीं, चालू वित्तीय वर्ष में हर माह कर्मचारियों को 10-15 दिन विलंब से वेतन मिल रहा है.

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डीवीसी से बकाया मिलने की उम्मीद

बीसीसीएल का सर्वाधिक 1687.39 करोड़ का बकाया सरकारी पावर कंपनी डीवीसी पर है. इसमें 211.52 करोड़ का बकाया डिस्प्यूटेड है. इधर, केंद्र सरकार ने बिजली के बकाया भुगतान के लिए पिछले दिनों झारखंड सरकार के खाते से 1418 करोड़ रुपये काट कर डीवीसी को भुगतान किया है. दरअसल, राज्य सरकार पर डीवीसी का करीब 5608.32 करोड़ रुपये का बकाया है. समझौता के मुताबिक, 4 किश्तों में राज्य सरकार को डीवीसी को भुगतान करना था. ऐसे में डीवीसी को बकाया राशि मिलने से बीसीसीएल को भी एकमुश्त अपना बकाया राशि मिलने की उम्मीद है.

पावर कंपनियों पर बकाया (करोड़ में)

कंपनी – राशि – डिस्प्यूटेड राशि
डीवीसी- 1687.39 – 211.52
डब्ल्यूबीपीडीसीएल – 785.00 – 28.13
एनटीपीसी – 163.83 – 49.96
सेल – 259.13 – 36.13
यूपी आरयूवीएनएल – 336.60 – 40.65
डीपीएल – 177.63 – 0.88
अन्य कंपनी – 149.87 – 151.63
एडवांस फॉर कस्टमर – 71.37
कुल – 3630.82 – 518.90
(नोट : आंकड़ा चालू वित्तीय वर्ष व 18 अक्तूबर तक का )

Posted By : Samir Ranjan.

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