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जोड़ापोखर पैक्स में 25 करोड़ का ऋण घोटाला : तीन पूर्व अध्यक्षों पर प्राथमिकी
धनबाद: जोड़ापोखर पैक्स में लगभग 25 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण घोटाला है. पैक्स के अध्यक्षों ने नियमों की अनदेखी कर जमा राशि की बंदरबांट कर ऋण बांटे हैं. पैक्स व उसकी शाखाओं के जमा व ऋण वितरण से संबंधित सभी रिकार्ड अध्यक्षों द्वारा नहीं दिया जा रहा है. राज्य सरकार के आदेश पर […]
धनबाद: जोड़ापोखर पैक्स में लगभग 25 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण घोटाला है. पैक्स के अध्यक्षों ने नियमों की अनदेखी कर जमा राशि की बंदरबांट कर ऋण बांटे हैं. पैक्स व उसकी शाखाओं के जमा व ऋण वितरण से संबंधित सभी रिकार्ड अध्यक्षों द्वारा नहीं दिया जा रहा है. राज्य सरकार के आदेश पर सहायक निबंधक अश्विनी ओझा ने जोड़ापोखर थाने में एफआइआर दर्ज करायी है. एफआइआर में पैक्स के पूर्व अध्यक्ष सखिचंद महतो, दशरथ महतो व हरिपद महतो को नामजद किया गया है.
सहायक निबंधक की ओर से कई पन्नों की एफआइआर में पुलिस को कई साक्ष्य भी उपलब्ध कराये गये हैं.
आरोप है कि जोड़ापोखर पैक्स की झरिया, भागा, भौंरा, पाथरडीह शाखा से नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों रुपये का लोन एक हजार से अधिक लोगों को दिया गया है. वैसे लोगों को भी लोन दिये गये जो पैक्स के मेंबर भी नहीं हैं.
पोषक क्षेत्र के बाहर दिया गया लोन
नियमानुसार पैक्स लोन अपने कार्यक्षेत्र के सदस्यों को ही देना है. पैक्स अध्यक्षों ने बरवाअड्डा, टुंडी, गोविंदपुर ही नहीं, बोकारो के लोगों को भी लोन दे रखा है. लोन बैंक में डिपोजिट लोगों की जमा राशि से ही दिया गया है. गरीब, किसान व स्थानीय लोगों ने करोड़ों रुपये संबंधित पैक्स व पैक्सों से राशि लेने वालों का नाम-पता नहींशाखाओं में एफडी समेत विभिन्न स्कीम में जमा कराये उसे पैक्स अध्यक्षों ने प्रसाद की तरह लाभ देकर लोगों को लोन दे दिया. अब पैसे जमा करने वाले जिनकी अवधि पूरी हो गयी है, वह पैक्स से पैसे मांग रहे हैं. संबंधित लोगों का पैसा नहीं मिल रहा है. लोग पैक्सों में तालाबंदी कर रहे हैं. सहकारिता ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं.
सीएमओ तक पहुंची सूचना
पैक्स में जमा करने वाले लोगों ने अपनी शिकायत रांची में मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंचायी है. मुख्यमंत्री सचिवालय ने मामले में संबंधित लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने, लोन धारकों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस कर रकम वसूली के लिए कार्रवाई करने का निर्देश जिला प्रशासन व सहकारिता विभाग को दिया है. सर्टिफिकेट केस के बाद गिरफ्तारी वांरट व कुर्की कार्रवाई भी लोन बकाया रखने वालों के खिलाफ करने को कहा गया है. जिला सहकारिता विभाग से लगभग तीन सौ ऋण धारकों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया गया है. पैक्स अध्यक्षों द्वारा रिकार्ड नहीं दिये जाने से पता नहीं चल पा रहा है कि और किन-किन लोगों ने कितनी राशि लोन ले रखा है. संबंधित लोगों का नाम व ठिकाना नहीं मिल रहा है. पैक्सों का वर्ष 2008 से ही ऑडिट नहीं हुआ है. अंकेक्षण पदाधिकारी द्वारा नियमानुसार पैक्सों का प्रतिवर्ष ऑडिट किया जाना है.
पैक्सों से राशि लेने वालों का नाम-पता नहीं
पैक्सों में लोन देने की राशि व संबंधित लोगों के नाम व पता नहीं है. संबंधित रिकार्ड तत्कालीन अध्यक्षों ने गायब कर दिया है. पैक्स के वर्तमान अध्यक्ष व पदाधिकारी बार-बार संबंधित रिकार्ड मांग रहे हैं तो उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. पैक्स में पैसा जमा करने वाले सैकड़ों लोग रकम वापसी व निकासी के लिए चक्कर काट रहे हैं. कई बार तो लोगों का हुजूम पैक्स पहुंचकर हिंसक झड़प उतारू हो जाते हैं. एफआइआर में इनलोगों को भी अभियुक्त बनाया जायेगा. ढाई-तीन सौ लोगों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस चल रहा है. पैक्स की ओर से लोन धारकों की सूची नहीं उपलब्ध कराने से संबंधित लोगों का नाम व ठिकाने का पता नहीं चल रहा है.
पैक्स से करोड़ों रुपये का ऋण लेकर लोग नहीं चुका रहे हैं. सर्टिफिकेट केस दर्ज कर गिरफ्तारी व कुर्की वारंट लेकर ऋण नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
अलफ्रेड जॉर्ज कुजूर,सहकारिता पदाधिकारी,धनबाद
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