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जेबीसीसीआइ 10: टकराव बढ़ा, गेंद सरकार के पाले में, आज हड़ताल का एलान संभव

धनबाद: देश के करीब साढ़े तीन लाख कोयला मजदूरों के लिए दसवां वेतन समझौता संपन्न होने की बजाय उलझता जा रहा है. प्रबंधन से टकराव के बाद यूनियनों ने अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. आज दिल्ली में जेबीसीसीआइ की हुई बैठक बीच में ही समाप्त हो गयी. किसी मुद्दे पर […]

धनबाद: देश के करीब साढ़े तीन लाख कोयला मजदूरों के लिए दसवां वेतन समझौता संपन्न होने की बजाय उलझता जा रहा है. प्रबंधन से टकराव के बाद यूनियनों ने अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. आज दिल्ली में जेबीसीसीआइ की हुई बैठक बीच में ही समाप्त हो गयी. किसी मुद्दे पर सहमति न बनने पर यूनियन नेताओं ने प्रबंधन से दो टूक कहा कि आप जाकर सरकार से बात करें, जब तक सीएमपीएफ का इपीएफओ में मर्जर नहीं रूकेगा तब तक अन्य किसी मुद्दे पर बात नहीं होगी. मंगलवार को जेबीसीसीआइ की होने वाली बैठक सरकार के रूख पर निर्भर है. मंगलवार को ही भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में पांच केंद्रीय यूनियनों की बैठक होगी, जिसमें कोयला उद्योग में हड़ताल की घोषणा संभव है.
प्रबंधन कभी आगे-कभी पीछे : जेबीसीसीआइ सदस्य लखन लाल महतो एवं बिंदेश्वरी प्रसाद ने बताया कि सीएमपीएफ के मर्जर पर बात शुरू हुई. प्रबंधन ने कहा कि यह सरकार का मामला है. यूनियन नेताओं ने कहा कि हम जहां पहले थे, आज भी वहीं हैं. पेंशन पर सहमति बनी, बाद में प्रबंधन पलट गया. वेज बढ़ोतरी पर कभी तीन हजार करोड़ तो कभी 2200 करोड़. प्रबंधन कभी आगे तो कभी पीछे. नेताओं ने कहा कि सीएमपीएफ के मर्जर का निर्णय कोयला मजदूरों के लिए आत्मघाती है. जितना वेतन नहीं बढ़ेगा उतना पेंशन में चला जाएगा. इसके बाद लंच हो गया.
लंच के बाद दो टूक : लंच के बाद जैसे ही बैठक शुरू हुई, एटक नेता रमेंद्र कुमार ने कहा आज सरकार से बात कर हम लोगों को बताओ. अगर सरकार सीएमपीएफ के विलय की प्रक्रिया बंद करेगी तब हम पेंशन, मेडिकेयर स्कीम, वेतन बढ़ोतरी और ठेका मजदूरों के बारे में बात करेंगे. अगर सरकार मर्जर नहीं रोकेगी तो आगे बात नहीं होगी. रमेंद्र कुमार की बातों का बीएमएस के डॉ बीके राय, सीटू नेता डीडी रामानंदन, एचएमएस नेता नथ्थूलाल पांडेय ने समर्थन किया. इसके बाद आज की बैठक खत्म हो गयी. कल होने वाली बैठक सरकार के रूख पर निर्भर है. अगर सरकार मर्जर रोकने पर तैयार हुई तो कल बात होगी अन्यथा नहीं होगी.
मजदूरों पर हमला कर सरकार अपना असली चरित्र दिखा रही है. सीएमपीएफ के इपीएफओ में मर्जर के बाद कोयला मजदूर रिटायरमेंट के बाद दर -दर भटकने पर मजबूर होगा. क्योंकि पेंशन तीन हजार से 3500 तक ही मिलेगी. सरकार को अपना निर्णय वापस लेना होगा. हम संघर्ष के मैदान में जायेंगे. देश की जनता के समक्ष अच्छे दिन लाने का वादा करनेवाली सरकार की पोल खोलेंगे.
डीडी रामानंदन, सीटू
नेताओं ने कहा
सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जनता के बीच जायेंगे. जून महीने में मजदूरों के साथ आंदोलन में जायेंगे. पेंशन मजदूरों का सबसे बड़ा मुद्दा है. जब तक सरकार इस विलय पर रोक नहीं लगायेगी तब तक वेतन, पेंशन, मेडिकल आदि मुद्दों पर बात नहीं होगी. अगर सरकार ने हमारी नहीं सुनी तो इतिहास का सबसे बड़ी हड़ताल होगी.
नथ्थूलाल पांडेय, एचएमएस
अब गेंद सरकार के पाले में है. प्रबंधन का रूख ठीक नहीं है. सहमति बनाकर बदल जाता है. इस बीच सीएमपीएफ मर्जर का मुद्दा बड़ा बन गया. हमारे भविष्य का सवाल जुड़ गया है. सरकार का रूख पीछे हटने वाला नहीं लग रहा है. सीएमपीएफ का मर्जर कर सरकार मालिकों के पक्ष मे खड़ी हो रही है. कल बीएमएस कार्यालय में बैठक के बाद आंदोलन का एलान होगा. सम्भवत: जून माह मे आंदोलन में जायेंगे.
लखनलाल महतो, एटक

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