ओडीएफ की होड़ में सरकारी पैसे की खूब लूट हो रही है. पैसा उठा लेने के बाद भी शौचालय बनवाया नहीं गया है. अपने नाम से पैसा लिया ही, बीवी व बच्चों के नाम से भी पैसा उठा लिया. कुछ लाभुकों का एड्रेस ही फरजी है.
धनबाद : नगर निगम में दिये आवेदन में एड्रेस कुछ है और बैंक खाता में कुछ. कुछ लाभुकों ने पहले से बने हुए शौचालय को डेंटिंग-पेंटिंग कर पैसा उठा लिये. जब जांच हुई तो ऐसे कई मामले सामने आये. यह खेल प्राय: सभी 55 वार्डों में हुआ है. ऐसे 10 हजार फरजी मामले सामने आये हैं. सरकार का छह करोड़ लाभुकों ने दबा रखा है. खुलासा होने के बाद नगर निगम पैसे की रिकवरी में जुट गया है.
क्या है योजना
स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय बनवाना था. वैसे लाभुकों को इसका लाभ मिलना था, जिनके घरों में शौचालय नहीं थे. शौच के लिए वह बाहर जाते हैं. सरकार ने ऐसे लाभुकों के लिए 12 हजार की लागत से शौचालय बनाने की योजना लायी. 2019 तक ओडीएफ करना था. रैंकिंग को लेकर आनन-फानन में अधिकारियों व कर्मचारियों ने जैसे-तैसे लाभुकों को पैसे बांट दिये. जब जांच हुई तो फरजी लाभुकों का मामला सामने आया.
अब तक मात्र 20 हजार शौचालय बने
धनबाद नगर निगम को 63 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य है. अब तक 20 हजार शौचालय बने हैं. 47 हजार लाभुकों के एकाउंट में फर्स्ट स्टॉलमेंट भेजा गया है. 16 हजार लाभुकों को दूसरा स्टॉलमेंट दिया जा चुका है. 10 हजार लाभुकों की सूची वार्ड स्वच्छता समिति को दी गयी है. जून तक हर हाल में सभी वार्ड को ओडीएफ करना है.
वार्ड को ओडीएफ करने के लिए बनायी गयी पांच टीम
वार्ड को ओडीएफ करने के लिए पांच टीम गठित की गयी है. वार्ड एक से 19 तक सिटी मैनेजर सुमित सुमन, 20 से 33 तक विजय कुमार, 34 से 41 तक प्रकाश साहू, 42 से 50 तक विमल सारू व 51 से 55 वार्ड तक संतोष कुमार को जून तक हर हाल में ओडीएफ करना का निर्देश दिया गया है.
आज से मुनादी कर प्रेरित करेगा निगम : नगर निगम शनिवार से वार्ड में मुनादी करवायेगा. लाभुकों से शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करेगा. जो लाभुक पैसा लेकर शौचालय नहीं बनवा रहे हैं, उन्हें भी सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए चेतावनी भी देगा.
सरकारी पैसा वापस नहीं करेंगे तो होगी एफआइआर : अपर नगर आयुक्त
अपर नगर आयुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद ने कहा कि जांच में कई लाभुक फरजी पाये गये हैं. एक ही परिवार के तीन-तीन सदस्यों के नाम से योजना का लाभ लिया गया है. ऐसे लाभुकों को पैसा वापस करने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. दूसरे चरण में इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज की जायेगी.