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न टीबी वार्ड, न डॉक्टर संक्रमित हो रहे मरीज
धनबाद : पीएमसीएच में मेडिकल प्रोटोकॉल के विरुद्ध टीबी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. टीबी के मरीजों के लिए यहां न अलग से कोई वार्ड बनाया गया है, और न ही अलग से इसके लिए डॉक्टर है. लिहाजा टीबी के मरीजों को समान्य मेडिसिन वार्ड में ही भरती कराया जा रहा है. […]
धनबाद : पीएमसीएच में मेडिकल प्रोटोकॉल के विरुद्ध टीबी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. टीबी के मरीजों के लिए यहां न अलग से कोई वार्ड बनाया गया है, और न ही अलग से इसके लिए डॉक्टर है.
लिहाजा टीबी के मरीजों को समान्य मेडिसिन वार्ड में ही भरती कराया जा रहा है. गंभीर होने के बाद इन मरीजों को आइसीयू का एचडीयू में भरती किया दाता है, जहां से पहले से ही संक्रमण से जूझ रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है. इस कारण टीबी की घातक बैक्टीरिया की चपेट में दूसरे मरीज के भी आने की आशंका रहती है.
सेविंग किट नहीं, कर्मियों को भी परेशानी : टीबी मरीज की देखभाल करने वाले पारामेडिकल कर्मियों को भी संक्रमण का खतरा रहता है. कर्मियों का कहना है कि उन्हें लेविंग किट नहीं दी जाती है. ऐसे में टीबी के मरीज को दवा खिलाने वाले कर्मियों को भी परेशानी होती है.
किसी तरह दवा दी जाती है, कई बार बगल में इलाज कर रहे समान्य मरीज के मरीज इनका विरोध करते हैं, लेकिन कोई दूसरे उपाये नहीं किये जाते हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने जतायी है नाराजगी: पीएमसीएच में अलग से टीबी वार्ड नहीं होने व समान्य रोगियों के बीच रखने पर स्वास्थ्य विभाग ने नाराजगी जतायी है. अधिकारियों ने बताया एमडीआर टीबी के मरीजों के लिए सीएस कार्यालय के पास अलग से वार्ड हैं. इस केंद्र में एमडीआर टीबी के मरीज का इलाज होता है. सुपरवाइजर ऐसे मरीजों की निगरानी में दवा खाते हैं. लेकिन, पीएमसीएच में टीबी मरीजों को अलग सुविधा नहीं है.
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