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हाउस वाइफ नहीं हाउस मेकर हैं महिलाएं : मनीषा
धनबाद : आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. लेकिन एक ही दिन महिला दिवस क्यों? मेरी नजर में हर दिन महिला दिवस है. महिला दिवस के दिन हम वर्किंग वीमेन को सम्मानित करते हैं. जबकि सम्मान की हकदार गृहिणी भी होती हैं. उन्हें हाउस वाइफ कहा जाता है. उन्हें हाउस वाइफ की […]
धनबाद : आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. लेकिन एक ही दिन महिला दिवस क्यों? मेरी नजर में हर दिन महिला दिवस है. महिला दिवस के दिन हम वर्किंग वीमेन को सम्मानित करते हैं. जबकि सम्मान की हकदार गृहिणी भी होती हैं. उन्हें हाउस वाइफ कहा जाता है.
उन्हें हाउस वाइफ की जगह हाउस मेकर कहना उचित है. यह बातें रेलवे एसपी की धर्मपत्नी मनीषा मिंज ने बतौर मुख्य अतिथि कही. मौका था संत एंथोनी चर्च में महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का. चर्च के फादर अमातुस कुजूर ने महिलाओं को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि महिलाएं कुशल प्रबंधक होती है. हर मोरचे पर कामयाबी की गाथा लिख रही हैं. महिला समिति की अध्यक्ष मंजू खाका ने कहा कि आज की नारी हार मानना नहीं जानती. खुद भी आगे बढ़ रही हैं और औरों का सहयोग कर रही हैं. मौके पर नोकोलस केरकेट्टा, निशि तिर्की, सिस्टर सेंड्रा एवं अन्य लोग उपस्थित थीं.
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