स्कैच के आधार पर भी पुलिस दूसरे शूटर तक नहीं पहुंच पा रही है. मामा का मोबाइल का स्वीच ऑफ होने से उसका कोई लोकेशन नहीं मिल रहा है. मामा से जुड़े भाजों के करीबीयों से पुलिस ने पूछताछ की है, लेकिन उसका संभावित ठिकाना का पता नहीं चल रहा है. बगैर मामा के दबोचे पुलिस रंजय की हत्या का षडयंत्र रचने वालों तक नहीं पहुंच सकती है. पुलिस रंजय हत्याकांड में मामा भांजा के फेर में फंस गयी है. टेक्निकल अनुसंधान से भी पुलिस को कुछ नयीं जानकारी नहीं मिल पायी है.
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रंजय हत्याकांड: हत्यारों व षडयंत्रकारी तक पहुंचना मुश्किल, मामा की फरारी बन गयी पुलिस की परेशानी
धनबाद: हत्या के कथित आरोपी नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू सिंह उर्फ मामा का पता नहीं चल रहा है. हत्या के बाद से ही मामा फरार है. मामा की फरारी पुलिस के लिए परेशानी बन गयी है. पुलिस की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि बगैर हत्यारे को पकड़े षडयंत्रकारी की गर्दन […]
धनबाद: हत्या के कथित आरोपी नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू सिंह उर्फ मामा का पता नहीं चल रहा है. हत्या के बाद से ही मामा फरार है. मामा की फरारी पुलिस के लिए परेशानी बन गयी है. पुलिस की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि बगैर हत्यारे को पकड़े षडयंत्रकारी की गर्दन तक कानूनी हाथ कैसे पहुंचेगा. हत्या के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह राजा यादव ने पुलिस पूछताछ में मामा का नाम लिया है.
विधायक नहीं उबरे सके हैं सदमें से : विधायक संजीव सिंह को रंजय चाचा कहता था. संजीव भी रंजय को अपने बेटे से कम प्यार नहीं करते थे. कहीं रंजय गलती करता को डांट भी सुनता था. रंजय की हत्या के दिन से ही संजीव काफी सदमें में है. हत्या से लेकर अभी तक संजीव अपने घर सिंह मैंशन से नहीं निकले हैं. घर में भी गुमशुम रहते हैं. काफी कम बोलते हैं. रंजय की हत्या से वह काफी सदमें में हैं.
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