धनबाद: नाबालिग नौकरानी को डरा-धमका कर यौन शोषण करने वाले बीसीसीएल के सुदामडीह केंद्रीय अस्पताल के कंपाउंडर भरत झा को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम महेंद्र प्रसाद की अदालत ने सोमवार को भादवि की धारा 376 में आठ वर्ष की सश्रम कैद व तीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि पीड़िता को देय होगी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक त्रिपुरारी सहाय भी मौजूद थे.
क्या है मामला : भरत झा वर्ष 2008 में अपनी पत्नी के साथ चीफ हाउस कॉलोनी सुदामडीह में रहता था. पीड़िता उसके यहां नौकरानी का काम 5-6 वर्षों से करती थी. जब कंपाउंडर की पत्नी अपने गांव चली गयी तब वह पीड़िता को डरा-धमका कर उसके साथ हमेशा दुष्कर्म करने लगा. वह गर्भवती हो गयी और कुछ माह के बाद एक बच्चे को जन्म दिया. जब गर्भवती होने की जानकारी पीड़िता के भाई व भौजाई को मिली तब वे लोग उसे पाथरडीह के एक डॉक्टर चौधरी के पास ले गये. पीड़िता के भाई ने भरत झा कंपाउंडर के खिलाफ 17 अक्तूबर 08 को जोड़ापोखर (सुदामडीह) थाना में कांड संख्या 219/08 दर्ज कराया.
शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण में चार वर्ष की कैद
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद की अदालत ने सोमवार को जारकर्म (एडल्टरी) के एक मामले में जेल में बंद बलियापुर थाना क्षेत्र के शीतलपुर निवासी सुबोध किस्कू को भादवि की धारा 497 में दोषी पाकर चार वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि पीड़िता को देय होगी.
क्या है मामला : सुबोध किस्कू ने अपने ही गांव के एक लड़की को घर में बंद कर उसके साथ दो महीनों तक अवैध ढंग से शारीरिक संबंध स्थापित कर यौन शोषण किया. बाद में एक फरवरी 07 को वह पीड़िता को घर में अकेले छोड़कर अन्यत्र चला गया और दूसरी लड़की से शादी रचाने की तैयारी शुरू कर दी. यह मामला बलियापुर थाना कांड संख्या 10/07 से संबंधित है.