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बीसीसीएल पर है आठ हजार करोड़ की देनदारी

धनबाद : बीसीसीएल पर आठ हजार करोड़ रुपये की देनदारी है. कंपनी को बीएफआइआर से निकालने के लिए इसे कैपिटल बजट में रखा गया था. बीसीसीएल के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए ही कोयले के मूल्य में बढ़ोतरी की गयी है. ये बातें बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) गोपाल सिंह ने कही. वह मंगलवार […]

धनबाद : बीसीसीएल पर आठ हजार करोड़ रुपये की देनदारी है. कंपनी को बीएफआइआर से निकालने के लिए इसे कैपिटल बजट में रखा गया था. बीसीसीएल के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए ही कोयले के मूल्य में बढ़ोतरी की गयी है. ये बातें बीसीसीएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) गोपाल सिंह ने कही. वह मंगलवार को कोयला भवन सभागार में सेल्स एंड मार्केटिंग की ओर से आयोजित कंज्यूमर मीट की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल न तो मेरी कंपनी है और न ही आपकी. यह देश की कंपनी है और कंपनी में ताला लगने से अनेक लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी.
श्री सिंह ने कंपनी के सभी कंज्यूमरों से सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि छह साल के बाद कंपनी ने कोयला का रेट रिवाइज किया गया है. फिर भी कीमत इंटरनेशनल मार्केट से कम ही है. बैठक में बीसीसीएल के निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) देवल गंगोपाध्याय, निदेशक (वित्त) केएस राजशेखर के अलावा डीवीसी, सेल, टाटा, एमपीएल सहित अन्य पावर कंपनियों के प्रतिनिधि के साथ बीसीसीएल के सेल्स व मार्केटिंग, क्वालिटी के अधिकारी, सभी एरिया महाप्रबंधक व अन्य अधिकारी थे.
सीएमडी ने कहा कि विदेशी कोयला कंपनियां इंटरनेशनल मार्केट में दाम कम कर देश की कोल कंपनियों को बंद करना चाहती है, ताकि बाद में वे मनमाना दाम वसूल सकें.
मूल्यवृद्धि पर कंज्यूमरों ने जतायी चिंता : बैठक में कंज्यूमरों ने कहा कि कोयला की क्वालिटी में काफी सुधार है. इसे और बेहतर करने की आवश्यकता है. कंज्यूमरों ने कोयले के दाम में बढ़ोतरी पर चिंता जतायी. डीवीसी की ओर से कहा गया कि रेट में बढ़ोतरी से कंपनी को उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष करीब आठ सौ करोड़ रुपये अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा. वेस्ट बंगाल पावर की ओर से कहा गया कि रेट में बढ़ोतरी से उसे वेस्ट बंगाल सरकार को करीब 400 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अधिक देने होंगे. इसके लिए कंपनी को बिजली के दाम में 50 पैसे की बढ़ोतरी करनी होगी.
गुणवत्ता में शिकायत मिली तो नपेंगे एरिया सेल्स प्रबंधक
सीएमडी ने कहा कि वर्तमान में प्रोड्यूसर का नहीं, ग्राहकों का महत्व है. कोयले की क्वालिटी में समझौता बरदाश्त नहीं किया जायेगा. किसी क्षेत्र से क्वालिटी को लेकर शिकायत मिली या ग्रेड में गिरावट होने पर संबंधित अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी. वहीं एरिया सेल्स प्रबंधकों को सीएचपी से क्रश कोयला ही डिस्पैच करने व क्वालिटी को लेकर सजग रहने का निर्देश दिया.
प्रतिमाह कंज्यूमर्स से लेंगे फीडबैक : सीएमडी गोपाल सिंह ने कंपनी के सेल्स व मार्केटिंग के अधिकारियों को प्रतिमाह कंज्यूमर मीट आयोजित करने के निर्देश दिये है, ताकि उनका फीडबैक लिया जा सके. ग्राहकों को कोई परेशानी होने पर उसे अविलंब दूर करने की बात कही है.

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