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दुष्कर्मी दोषी करार, सजा पर सुनवाई 13 को

धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम महेंद्र प्रसाद की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के एक मामले में फैसला सुनाते हुए बलियापुर निवासी सुरेंद्र गोप को भादवि की धारा 376 व 342 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तिथि 13 जनवरी 17 […]

धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम महेंद्र प्रसाद की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के एक मामले में फैसला सुनाते हुए बलियापुर निवासी सुरेंद्र गोप को भादवि की धारा 376 व 342 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तिथि 13 जनवरी 17 को मुकर्रर कर दी. सुनवाई के वक्त अदालत में अपर लाेग अभयोजक पिनाकी चौधरी भी मौजूद थे. जानकारी हो कि 22 सितंबर 07 का एक महिला बलियापुर क्रशर मशीन में काम कर रही थी. तभी साढ़े दस बजे दिन में वहां आरोपी सुरेंद्र गोप गया और बोला कि तुम्हारी मां की तबीयत खराब है चलो देखने. वह पीड़िता को टेंपो पर बैठा कर अस्पताल ले जाने लगा. रास्ते में बांसकनाली जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया.
डीएसइ कार्यालय के लिपिक को नहीं मिला बेल
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गये जेल में बंद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय गिरिडीह के लिपिक परमेश्वर प्रसाद की ओर से दायर जमानत अरजी पर सुनवाई बुधवार को निगरानी के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार सिंह की अदालत में हुई. अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपी का पक्ष रखा. लेकिन निगरानी के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने जमानत का जोरदार विरोध केस डासरी का अवलोकन करते हुए किया. विदित हो कि 27 दिसंबर 16 को आरोपी लिपिक ने उतक्रमित मध्य विद्यालय दानोखुंटा अंचल तिसरी (गिरिडीह) के शिक्षक राकेश कुमार से उसका वेतन रिलीज करने के एवज में बतौर दस हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी की टीम के हाथों पकड़ा गया था. एसीबी उसे जेल भेज दिया था. यह मामला एसीबी केस नंबर 19/16 से संबंधित है.
माले विधायक हत्या कांड में हुई सुनवाई
बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया. अब इस मामले में सुनवाई 30 जनवरी 17 को होगी.
रेलवे को अंतर भाड़े का भुगतान का आदेश
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को संयुक्त रूप से एक आदेश पारित कर परिवादी भूली डी ब्लॉक निवासी अशोक कुमार सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा चेयरमैन, चेयरमैन रेलवे बोर्ड नई दिल्ली व वरीय वाणिज्य मंडल प्रबंधक डीआरएम कार्यालय धनबाद को सख्त आदेश दिया कि वे अंतर राशि जो परिवादी ने भुगतान किया है घटा कर साधारण श्रेणी में यात्रा किया उसका अंतर भाड़े का भुगतान साठ दिनों के अंदर करे. रेलवे को वाद खर्च एवं मानसिक यातना के लिए एक हजार रुपये का भुगतान भी परिवादी को करना होगा. परिवादी 19 जून 14 को रेलवे काउंटर धनबाद से दिल्ली जाने के लिए पूर्वा एक्सप्रेस में दो टिकट 790 रुपये आरक्षित श्रेणी में लिया, जो कन्फर्म नहीं हुआ और परिवादी को अपने साथ के साथ साधारण श्रेणी में यात्रा करनी पड़ी. यात्रा पूरी होने पर जब परिवादी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपना टिकट (प्रतिक्षारत) वापस लौटा कर साधारण श्रेणी का भाड़ा समायोजित कर अग्रिम भाड़ा वापस करने का आग्रह किया तब काउंटर प्रभारी ने उक्त टिकट को वापस कर अग्रिम भाड़ा वापस करने से इनकार कर दिया. इसके बाद उसने केस किया.

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