पुलिस उनसे उनके परिचय के लिए सरकारी दस्तावेज मांग रही थी. कोलकर्मी के पास उसका परिचय पत्र था. लेकिन पत्नी और बच्चों का नहीं था. लोगों की भीड़ जुट गयी. पुलिस सबको थाना ले गयी. वहां भी देर तक पुलिस पूछताछ करती रही. मामला फंस गया बेटियों की सहेली को लेकर. उसके पिता को फोन लगाया गया. पिता ने कहा कि हां इस परिवार के साथ मेरी बेटी गयी है. वे हमारे पड़ोसी हैं.
आप कहिए तो मैं आ जाऊं. इसके बाद पुलिस ने सबको जाने दिया. पुलिस ने उनसे लिखवाया कि आप लोग सही सलामत थाना से जा रहे हैं. आप लोगों के साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गयी. जानकारी के अनुसार गोविंदपुर में मारुति वैन एक चाय की दुकान में रुका था. ड्राइवर और कोलकर्मी चाय पीने उतरे. महिला और बच्चियां गाड़ी के अंदर ही रहीं. उन्होंने ठंड से बचने के लिए एक कंबल लपेट रखा था. पुलिस के किसी गुप्तचर (स्पाई) ने इसकी सूचना दे दी. बताया कि मामला संदिग्ध है. पुलिस हरकत में आ गयी.