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झगड़े के बाद मेल, डिप्टी मेयर के ममेरे भाई को बेल

धनबाद: नगर निगम ऑफिस में लेखापाल अनिल मंडल से मारपीट करने के आरोप में जेल में बंद ठेकेदार दिवाकर सिंह (झरिया) को मंगलवार को कोर्ट से जमानत मिल गयी. उसे रिहा कर दिया गया. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता शाहनबाज अब्दुल मालिक ने बहस की. दिवाकर सिंह डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह सिंह उर्फ […]

धनबाद: नगर निगम ऑफिस में लेखापाल अनिल मंडल से मारपीट करने के आरोप में जेल में बंद ठेकेदार दिवाकर सिंह (झरिया) को मंगलवार को कोर्ट से जमानत मिल गयी. उसे रिहा कर दिया गया. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता शाहनबाज अब्दुल मालिक ने बहस की. दिवाकर सिंह डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह सिंह उर्फ छोटे सिंह का ममेरा भाई है. पुलिस ने उसे बैंक मोड़ से पकड़ धनबाद थाना को सुपुर्द किया था. रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेज दिया गया था.
कोर्ट में दी सुलह की अर्जी : लेखापाल ने कोर्ट में हाजिर होकर सुलह की अरजी दी. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी दी. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वादी सुलह कर रहा है. बचाव पक्ष की अरजी सुनने के बाद प्रभारी सीजेएम सह सब जज टू एमके त्रिपाठी ने दिवाकर को जमानत दे दी.

दिवाकर ने निगम ऑफिस में लेखापाल अनिल मंडल के साथ शनिवार को मारपीट-तोड़फोड़ करते हुए कागजात फाड़ दिये थे. आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डाला है. बिल भुगतान को लेकर कमीशन विवाद में अनिल के साथ मारपीट की गयी थी. लेखापाल ने मामले की शिकायत नगर आयुक्त मनोज कुमार से की. नगर आयुक्त ने लेखापाल का आवेदन संलग्न कर धनबाद थाना में एफआइआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
…और कार्यपालक अभियंता ने करा लिया था तबादला
नगर निगम में पहले भी ऐसा वाकया हो चुका है. निगम के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह ने डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया और बाद में कोर्ट में सुलह कर ली थी. हलाकि कोर्ट ने सुलहनामा अावेदन के आधार पर डिप्टी मेयर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. मामले में 13 जुलाई को कोर्ट में सरेंडर करने वाले डिप्टी मेयर को जेल जाना पड़ा था. अभियंता ने डिप्टी मेयर व उनके प्रतिनिधि राज अानंद सिंह के खिला‌फ तीन जुलाई को बैक मोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. आरोप अगवा करने, रंगदारी मांगने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का था. बैंक मोड़ थाना में दोनों के खिलाफ कांड संख्या 115/16 भादवि की धारा 364(ए), 386, 353, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट से एकलव्य को 23 अगस्त को जमानत मिली थी. अभियंता लंबी छुट्टी पर चले गये थे. बाद में फिर उन्होंने अपना तबादला रांची नगर विकास विभाग में करा लिया.
नगर आयुक्त ने उठाये थे सवाल भी
लेखापाल से मारपीट के मामले में नगर आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार को सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर ठेकेदार ने आकर एकाउंटेंट को क्यों पीटा? इसकी कोई न कोई वजह जरूर होगी. मामले की जांच करायी जायेगी. जांच में जो भी दोषी होंगे, उस पर कार्रवाई की जायेगी.

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