घनुडीह: अलकडीहा व मुकुंदा पंचायत क्षेत्र में शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में दो बच्चियों की मौत हो गयी. दोनों को 20 घंटे पूर्व बीसीजी का टीका लगा था. परिजन टीका से मौत होने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इससे साफ इनकार किया है.
अलकडीहा शिव मंदिर के समीप रहने वाले तारक निषाद की पुत्री आठ दिन की सारा कुमारी व मुकुंदा मोदक बस्ती निवासी तारक मोदक की पुत्री एक दिन की जीविका कुमारी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गयी. इन्हें गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बीसीजी का टीका लगाया गया था. दोनों की मौत शुक्रवार को हुई. सारा के पिता तारक निषाद ने बताया कि गुरुवार को एमओसीपी सेक्टर दो के समीप अलकडीहा आंगनबाड़ी केंद्र संख्या तीन पर बेटी को टीका लगवाया था.
मां सुमन देवी ने दावा किया कि टीका लगने से पूर्व बच्ची पूरी तरह स्वस्थ थी. टीका आंगनबाड़ी केंद्र पर पीएचसी बलियापुर की एएनएम जीएस मिंज ने लगाया. आरोप है कि टीका लगने के थोड़ी देर बाद बच्ची सो गयी. इसके बाद वह नहीं उठी. सुबह उसके नाक व मुंह से खून निकलते देखा गया. शुक्रवार को परिजन ने बच्ची को दफना दिया. टीका लगाने वाली एएनएम जीएस मिंज कहती हैं, ‘एक ही व्यॉयल से चार बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया गया था. नये इंजेक्शन का प्रयोग किया गया था. बाकी तीन बच्चे ठीक हैं. टीका से मौत नहीं हुई है.’
मुकुंदा में लगा जीविका को टीका
मुकुंदा मोदक बस्ती निवासी तारक मोदक ने बताया कि जीविका कुमारी को मुकुंदा आंगनबाड़ी केंद्र संख्या दो पर टीका लगवाया गया था. मां चंदना देवी का आरोप है कि टीका के कारण ही उसकी बच्ची की मौत हुई है. टीका लगने के बाद बच्ची सोयी, तो फिर नहीं उठी. परिजन ने जीविका के शव को भी दफना दिया है.
आंगनबाड़ी केंद्र दो की सेविका जयंती देवी कहती हैं, ‘पीएचसी बलियापुर की एएनएम कुमारी पंचमी ने गुरुवार को 12 बच्चों को दवा दी थी. केवल जीविका को बीसीजी का टीका लगाया गया था.’ कुमारी पंचमी कहती हैं, ‘पीएचसी बलियापुर के डॉ दीपक दास टीकाकरण के दौरान केंद्र का निरीक्षण किये थे. टीका लगने से बच्ची की मौत नहीं हुई है.’
जांच को ले बनी कमेटी
बीसीजी से मौत की बात गलत है. ठंड, निमोनिया या किसी और बीमारी से ऐसा हो सकता है. जांच के लिए एक टीम बनायी गयी है. टीम के सदस्यों ने आज घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण किया. शनिवार को सदस्य रिपोर्ट सौंपेंगे.
चंद्रांबिका श्रीवास्तव, सीएस, धनबाद