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एसीबी ने शिक्षा विभाग के क्लर्क को 1800 रुपये घूस लेते दबोचा

धनबाद: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) धनबाद प्रमंडलीय ऑफिस की टीम ने सोमवार को कंबाइंड बिल्डिंग स्थित आरइओ ऑफिस से शिक्षा विभाग के क्लर्क रवींद्र प्रसाद सिंह को 1800 रुपये घूस लेते दबोचा. राजकीय मध्य विद्यालय लोदना के शिक्षक संदीप कुमार का सर्विस बुक खोलने के एवज में क्लर्क घूस ले रहा था. छापामारी टीम में […]

धनबाद: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) धनबाद प्रमंडलीय ऑफिस की टीम ने सोमवार को कंबाइंड बिल्डिंग स्थित आरइओ ऑफिस से शिक्षा विभाग के क्लर्क रवींद्र प्रसाद सिंह को 1800 रुपये घूस लेते दबोचा. राजकीय मध्य विद्यालय लोदना के शिक्षक संदीप कुमार का सर्विस बुक खोलने के एवज में क्लर्क घूस ले रहा था. छापामारी टीम में डीएसपी सह थानेदार श्रवण कुमार, डीएसपी विनोद रवानी, इंस्पेक्टर कन्हैया सिंह, इंदू शेखर झा, इंद्रदेव राम शामिल थे.
एसीबी टीम की छापामारी से कंबाइंड बिल्डिंग में हड़कंप मच गया. टीम रंगे हाथ पकड़ने के बाद रवींद्र को साथ ले गयी. पूछताछ व सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद क्लर्क को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट के आदेश पर क्लर्क को न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेज दिया गया. संदीप कुमार नवनियुक्त शिक्षक हैं, उनका सर्विस बुक खोलना है. सर्विस बुक की फाइल क्लर्क के माध्यम से बढ़ती है. क्लर्क ने शिक्षक से दो हजार रुपये की मांग की, पैसे नहीं देने पर फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा था. शिक्षक ने 1800 रुपये में सौदा तय किया. क्लर्क राजी हो गया. शिक्षक ने मामले की शिकायत 24 नवंबर को एसीबी में की. एसीबी ने जांच में मामले को सही पाया. क्लर्क को पैसा देते रंगेहाथ पकड़ लिया गया.
डीएसपी से की हाथापाई
एसीबी की गिरफ्त में अाते ही क्लर्क रवींद्र प्रसाद सिंह अपने ऑफिस में एसीबी के डीएसपी विनोद रवानी समेत टीम के अन्य सदस्यों से हाथापाई कर भागने लगा. एसीबी के अन्य अफसर क्लर्क को पकड़ सीधे ऑफिस ले गये. पैसे के साथ हाथ में लगे केमिकल को क्लर्क अपने माथे व शर्ट में पोंछने लगा. शिक्षा विभाग के ऑफिस में क्लर्क को हाथापाई करते देख अन्य स्टाफ को लगा कि संभवत: वह किसी शिक्षक से भिड़ गया है. चंद मिनट में ही मामला साफ हो गया कि क्लर्क को एसीबी ने दबोचा है.
एक बाहर तो एक अंदर
धनबाद. शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का जेल आना-जाना लगा रहता है. एक कर्मचारी जेल से बाहर आता नहीं कि कुछ ही दिनों बाद दूसरा कर्मचारी अंदर चला जाता है. यह चर्चा सोमवार को मिश्रित भवन स्थित आरइओ ऑफिस के क्लर्क रवींद्र प्रसाद सिंह के एसीबी के हत्थे चढ़ने के बाद आम हो गयी. क्लर्क की गिरफ्तारी के वक्त कई शिक्षक मिश्रित भवन परिसर में ही मौजूद थे और गिरफ्तारी की खबर से दर्जनों और जुट गये. इस दौरान चर्चा हो रही थी कि सबसे पहले डीइओ ऑफिस के प्रधान लिपिक गोपाल शर्मा को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. 90 दिनों बाद जब श्री शर्मा बेल लेकर जेल से बाहर आये तो लिपिक अजय कुमार तिवारी को एसीबी ने रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. अभी श्री तिवारी एक हफ्ते पहले ही छूटे थे कि फिर एक लिपिक रिश्वत लेते पकड़े गये. चर्चा थी कि सभी घूसखोर शिक्षा विभाग में ही जमे बैठे हैं क्या!
यह भी रही चर्चा : लिपिक की गिरफ्तारी के बाद यह भी चर्चा रही कि वह 500 रुपये नहीं लेता था, उसी वक्त फेंक देता था. सभी किरानी दस-दस वर्षों से एक ही जगह जमे हैं. पूरे जिले में सेवा पुस्तिका खोलने की एवज में दो-तीन हजार रुपये की उगाही की जाती है, लेकिन शिकायत करने का साहस सभी शिक्षक नहीं जुटा पाते हैं.
कब किसकी कहां गिरफ्तारी
गोपाल शर्मा : इसी वर्ष 17 मार्च को डीइओ कार्यालय के प्रधान लिपिक गोपाल शर्मा को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय में पांच हजार रुपये घूस लेते एसीबी, रांची की टीम ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने जीएनएम प्लस टू हाई स्कूल कतरासगढ़ के लिपिक संतोष लाभ कर्ण को निलंबन मुक्त कराने के लिए 35 हजार रुपये घूस में मांगे थे.
अजय कुमार तिवारी : डीएसइ कार्यालय के लिपिक अजय कुमार तिवारी को इसी वर्ष 26 अगस्त को एसीबी, धनबाद की टीम ने डीएसइ ऑफिस में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. लिपिक ने शिक्षक रंजन किशोर हांसदा से लोन पास कराने की एवज में दो हजार रुपये मांगे थे, जिसकी शिकायत श्री हांसदा ने एसीबी से की थी.

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