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महेंद्र सिंह हत्याकांड में पुत्रवधू और बेटी ने दी गवाही

धनबाद: बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में कोई भी आरोपी हाजिर नहीं हुआ. अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने महेंद्र सिंह की पुत्रवधू प्रीति सिंह व बेटी नीलू सिंह की गवाही करायी. दोनों साक्षियों ने अदालत […]

धनबाद: बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में कोई भी आरोपी हाजिर नहीं हुआ. अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने महेंद्र सिंह की पुत्रवधू प्रीति सिंह व बेटी नीलू सिंह की गवाही करायी. दोनों साक्षियों ने अदालत को बताया कि यह घटना 16 जनवरी 05 की है.

प्रीति ने अदालत को बताया कि उस दिन मेरे ससुर महेंद्र सिंह घर से सुबह निकले थे. अचानक मेरे यहां ढाई तीन बजे के आसपास फोन आया कि उनको एमसीसीवालों ने घेर लिया है और उनको मार दिया है. मेरे ससुर सीपीआइएमएल के बगोदर विधायक थे. मैंने उनका शव देखा. सिर में गोली लगी थी. घटनाके बाद उनका सैमसंग मोबाइल 9431144284 गायब हो गया था. मेरा सीबीआइ में बयान हुआ था. जबकि बेटी नीलू ने अदालत को बताया कि मेरे पिता सीपीआइएमएल के बगोदर विधायक थे. हम 16 जनवरी 05 काे शाम चार बजे घर पहुंचे. फोन आया कि एमसीसीवालों ने घेर लिया. बाद में फोन आया कि गोली मार दी. लाश आयी थी. उनका मोबाइल सैमसंग कंपनी का था. सीबीआइ के लोग अभियोजक मुकेश कुमार सिन्हा ने साक्षियों का मुख्य परीक्षण कराया. जबकि प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता पीके भट्टाचार्य ने किया.

ससुर दुष्कर्म का दोषी करार, सजा आज

अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म के एक मामले में जेल में बंद धर्माबांध निवासी अहमद शरीफ शाह को भादवि की धारा 376 के तहत दोषी करार दिया. अदालत ने सजा पर सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया है. पीड़िता की शादी सुकुर मोहम्मद के साथ हुई थी. वह 28 जनवरी 16 को गांव के दो व्यक्ति के साथ मायके आयी. बाद में उसका पति उसे विदा करा कर ले गया. पीड़िता का पति वेल्लोर में प्राइवेट नौकरी करता है. पीड़िता का ससुर बीसीसीएल कर्मी है. सात फरवरी 15 को उसने अपनी पतोहू के साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद 23 फरवरी 15 को बाघमारा थाना में कांड संख्या 61/15 दर्ज किया गया. केस के आइओ लोपो सिंह ने 11 जुलाई 15 को आरोप पत्र समर्पित किया.

रिश्वतखोरी में रेल अधिकारी का बयान दर्ज

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह एसके पांडेय की अदालत में सोमवार को रिश्वतखोरी के एक मामले की सुनवाई हुई. अदालत में साक्षी पूर्व मध्य रेलवे के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर (को-ऑर्डिनेशन) अभय कुमार ने अपनी गवाही दी. उन्होंने अदालत को बताया कि मैने विकास सिंह के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी थी. अभियोजन कि ओर से लोक अभियोजक लवकुश कुमार ने साक्षी का परीक्षण कराया.

क्या है मामला : सुरेंद्र सिंह रेलवे का ठेकेदार है. उसके पांच बिल को प्रोसेसिंग करने के एवज में आरोपी विकास सिंह सीनियर सेक्शन इंजीनियर (वर्क) ने बीस हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की. ठेकेदार ने इसकी लिखित शिकायत सीबीआइ एसपी को की. सीबीआइ ने 17 अप्रैल 14 को जाल बिछाकर आरोपी को रंगेहाथो धर दबोचा.

फहीम का भतीजा चिकू खान समेत दो हुए हाजिर

षडयंत्र कर रंगदारी मांगने व जान मारने की धमकी देने के मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार की अदालत में हुई. अदालत में फहीम खान का भतीजा चिकू खान व उमेश प्रसाद हाजिर थे. बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनवर शमीम ने पैरवी की. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पुलिस पेपर को रिसीव किया. विदित हो कि 21 जनवरी 16 को रात्रि 11 बजे आरोपी ने सूचक कोयला व्यवसायी तेतुलतल्ला पुराना बाजार धनबाद निवासी गौतम बादल के घर पर जाकर रंगदारी की मांग करते हुए जान मारने की धमकी दी थी. यह मामला धनबाद थाना कांड संख्या 76/16 से संबंधित है.

देवनंदन राम उपभोक्ता फोरम के निबंधक बने

झारखंड सरकार के खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर देवनंदन राम को जिला उपभोक्ता फोरम का निबंधक नियुक्त किया है. उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है. अब वे फोरम के प्रशासनिक काम-काज की देख-रेख करेंगे.

फोरम ने मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पक्ष में दिया फैसला

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्य द्वय नरेश प्रसाद सिंह व पुष्पा सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार काे संयुक्त रूप से एक आदेश पारित करते हुए विपक्षी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी कोयला नगर धनबाद के पक्ष में फैसला सुनाते हुए परिवादी धनसार निवासी महेंद्र प्रसाद सिंह के वाद को खारिज कर दिया.

क्या है मामला : परिवादी महेंद्र प्रसाद सिंह बीसीसीएल के डीओसीपी में फोरमैन के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने 12 से 24 दिसंबर 12 तक तीर्थ यात्रा के लिए छुट्टी ली. परिवादी 5 दिसंबर को बेंगलुरू पहुंचे वहां उनकी तबीयत खराब हो गयी वे वहां विदेही इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में भरती हो गये. परिवादी ने आकर 2652 रुपये का बिल प्रबंधक को दिया. जिसका भुगतान प्रबंधन ने नहीं किया. साथ ही उनके बिल समेत आवेदन को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पास भेज दिया. फोरम ने कहा कि परिवादी विपक्षी के उपभोक्ता नहीं हैं. बल्कि कर्मचारी हैं. इसलिए इस वाद को खारिज किया जाता है. यह उपभोक्तावाद संख्या 7/14 से संबंधित है.

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