धनबाद: सभी निजी स्कूलों का ऑडिट होगा. जिन स्कूलों की ऑडिटेड रिपोर्ट पर संदेह होगा या जो स्कूल ऑडिटेड रिपोर्ट 15 फरवरी तक जमा नहीं करेंगे. उनका ऑडिट हम खुद करायेंगे. ये आदेश उपायुक्त प्रशांत कुमार ने आरटीइ की बैठक में दिये.
वह शनिवार को समाहरणालय में निजी स्कूल प्रिंसिपलों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 15 फरवरी तक सभी स्कूल तीन वर्ष का अपना फी स्ट्रर भी जमा करें. स्कूलों ने पिछले साल क्या फी लिया, इस साल क्या रहे और अगले वर्ष क्या फीस रखना चाहते हैं, बता दें. स्कूल के फीस बढ़ाने के मामले की जांच होगी और कुछ गलत पाया गया तो सीबीएसइ/ आइसीएसइ और जेट को रिपोर्ट की जायेगी. स्कूलों के प्रिंसिपलों ने कहा कि जेट का आदेश से 15 फीसदी तक फी बढ़ा सकते हैं. जबकि अभिभावक संघ का कहना था कि डी-नोबिली स्कूल ने 49 फीसदी फीस बढ़ायी थी, जिस पर जेट का यह आदेश था. बैठक में डीइओ धर्म देव राय, डिप्टी डीएसइ एमके पांडेय, दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य केबी भार्गव, धनबाद पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डीए चेतल व प्रशांत कुमार, आजसू नेता अरूप चटर्जी, अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष रणविजय सिंह, महासचिव मनोज मिश्र, उपाध्यक्ष सतपाल सिंह ब्रोका आदि उपस्थित
पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन : बैठक में सबसे पहले स्कूल प्रिंसिपलों को आरटीइ एक्ट पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिखाया गया. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने बताया कि 1-8 वीं कक्षा तक लगभग 200 दिन पढ़ाई करनी है. गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा की 25 फीसदी सीटों पर बीपीएल कोटे के तहत नामांकन होगा. आठवीं कक्षा तक बीपीएल कोटा 25 फीसदी लागू होगा, स्कूलों ने माना कि कक्षा में न्यू एडमिशन पर बीपीएल कोटे के तहत भी नामांकन होगा.
उम्र के अनुसार होगा नामांकन : 1-8 वीं कक्षा तक बच्चे की उम्र के मुताबिक नामांकन होंगे. शिकायत मिली है कि स्कूल बीपीएल बच्चे के नामांकन के लिए एडमिशन फॉर्म नहीं देते. ऐसा नहीं होना चाहिए. बीपीएल कोटे का नामांकन सामान्यत: एक किलोमीटर के दायरे में स्थित परिवार को प्राथमिकता मिलेगी. अधिक आवेदन की स्थिति में चयन लॉटरी से होगा.
आरटीइ सेल से करें शिकायत : नामांकन का आवेदन लेकर पहुंचा परिवार अगर संपन्न है तो उसकी शिकायत आरटीइ सेल से करें. उसकी जांच कर कार्यवाही होगी. पोषक क्षेत्र संबंधी कोई संशय हो तो वे आरटीइ सेल से संपर्क करें.
रिपोर्ट दें, मिलेगा खर्च : उपायुक्त श्री कुमार ने कहा कि बीपीएल कोटे के तहत हुई पढ़ाई की रिपोर्ट (खर्च) स्कूल दें. उन्हें राशि मिल जायेगी.
नामांकन टेस्ट न लें : डीएसइ श्री सिंह ने कहा कि प्रवेश के लिए स्कूलों में टेस्ट नहीं होना चाहिए. कुछ स्कूल बच्चे से तो कुछ स्कूल अभिभावकों से टेस्ट लेते हैं, जबकि आरटीइ के तहत कोई टेस्ट नहीं लेना है.
30 बच्चे पर एक शिक्षक : स्कूलों को एक्ट के लागू होने के तीन वर्ष में ही इंफ्रास्ट्रर लागू करना था. हर 30 बच्चे पर एक ट्रेंड शिक्षक रखना है.
कैपिटेशन फी नहीं लें स्कूल : डीएसइ श्री सिंह ने कहा कि स्कूल कैपिटेशन फीस नहीं ले सकते. उन्हें जो भी फीस लेनी है, उसे प्रोस्पेक्टस में ही घोषित कर दें.
स्कूलों में हो प्रबंध समिति : हर स्कूल में प्रबंध समिति होनी है. इसमें स्कूल के बच्चों के माता-पिता या संरक्षक और शिक्षकों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगे. 50 फीसदी सदस्य महिलाएं होंगी.