धनबाद: आइएसएम के चेयरमैन पीके लाहिड़ी ने कहा है कि आइएसएम के विस्तारीकरण में बाधा केवल भूमि को लेकर है और वह राज्य सरकार की ओर से है. श्री लाहिड़ी गुरुवार को संस्थान के अतिथिगृह में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. वह विभागीय दौर आये हुए हैं. श्री लाहिड़ी ने बताया कि बारहवीं प्लान में साढ़े सात एकड़ भूमि कम पड़ रही है.
चिह्न्ति साढ़े नौ एकड़ भूमि जो मिलनी है उसमें साढ़े तीन एकड़ जो रैयती है वह लगभग मिल चुकी है और अंतिम प्रक्रिया में है, जबकि बाकी शासकीय है. इसके लिए राज्य कैबिनेट में अब तक प्रस्ताव तक नहीं गया है. आइएसएम से हमारे प्रतिनिधि दो -दो बार मामले को लेकर सीएम से मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि हमारी बाध्यता है कि जब तक और भूमि नहीं मिलती आगे कोई निर्माण कार्य करना संभव नहीं. जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, बस उन्हें ही पूरा किया जायेगा. जो निर्माण होंगे वह पुराने भवन को तोड़ कर या फिर ऊपर एक्सटेंशन करके होंगे.
नया ऑडिटोरियम बनेगा : नयी योजना पर चर्चा करते हुए चेयरमैन ने बताया कि जरूरी योजना में एक नये ऑडिटोरियम बनाने पर विचार चल रहा है. 8-9 सौ क्षमता वाली हमारा पेनमैन हॉल छोटा पड़ जा रहा है. दीक्षांत समारोह के दौरान सभी स्टूडेंट्स को बैठने में जगह कम पड़ जाती है. ऐसे में 1000-1200 क्षमता का ऑडिटोरियम बनाया जायेगा.
नये कोर्स की योजना नहीं : उन्होंने बताया कि नये कोर्स चालू करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. दो चालू हुई नयी कोर्स सिविल इंजीनियरिंग व केमिकल को डेवलप किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पूर्व साल की तुलना में प्लेसमेंट की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है. ऐसे में वैसा कोर्स चलाने का कोई औचित्य नहीं जिससे निकल कर स्टूडेंट्स को नौकरी में परेशानी हो.
आइआइटी जांच कमेटी के पाले में : आइएसएम टू आइआइटी के सवाल पर श्री लाहिड़ी का कहना था कि आगे का निर्णय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर निर्भर है. वैसे रिपोर्ट के बाद भी पार्लियामेंट की स्वीकृति जरूरी होगी. जो चुनाव के बाद ही संभव है. उन्होंने कहा कि आगमन का उद्देश्य कुछ जरूरी बैठक करना है. प्रोफेसर सेलेक्शन को लेकर शुक्रवार को बैठक होनी है, जबकि उसके बाद चल निर्माण कार्य की समीक्षा करनी है. उन्होंने बताया कि एकेडमिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण में एक साल विलंब हो चुका है, जिसमें तेजी लाने जरूरत है.