बोले आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त
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किस्तों में टैक्स दे करें ब्लैक मनी को व्हाइट
बोले आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त 30 सितंबर से पहले आइडीएस का लाभ उठायें धनबाद परिक्षेत्र में दो दर्जन लोगों ने कालाधन को कराया सफेद पत्रकारों को जानकारी देते प्रधान आयकर आयुक्त ललित मोहन पांडेय व अन्य. धनबाद : प्रधान आयकर आयुक्त ललित मोहन पांडेय ने करदाताओं से किस्तों में कर दे कर ब्लैक मनी […]
30 सितंबर से पहले आइडीएस का लाभ उठायें
धनबाद परिक्षेत्र में दो दर्जन लोगों ने कालाधन को कराया सफेद
पत्रकारों को जानकारी देते प्रधान आयकर आयुक्त ललित मोहन पांडेय व अन्य.
धनबाद : प्रधान आयकर आयुक्त ललित मोहन पांडेय ने करदाताओं से किस्तों में कर दे कर ब्लैक मनी को व्हाइट कराने की अपील की है. कहा कि 30 सितंबर के पहले इंकम डिस्कलोजर स्कीम (आइडीएस) के तहत कोई भी व्यक्ति कालाधन को सफेद करने के लिए आवेदन दे सकता है. केवल 45 प्रतिशत राशि दे कर सभी तरह के झंझटों से मुक्ति मिल जायेगी.
मंगलवार को आयकर कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधान आयकर आयुक्त ने कहा कि आइडीएस के तहत ब्लैक मनी बताने वाले कर का भुगतान किस्तों में कर सकते हैं. ब्लैक मनी पर आयकर की पचास फीसदी राशि दो किस्तों में मार्च 2017 तथा शेष पचास फीसदी राशि कई किस्तों में सितंबर 2017 तक देना है. कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी. अभियोजन भी नहीं चलेगा. वित्तीय वर्ष 2015-16 तक के लिए आइडीएस का उपयोग किया जा सकता है.
वैसे करदाता जिनके पास किसी स्रोत से ब्लैक मनी है वे इसका लाभ 30 सितंबर से पहले उठा लें. अंतिम दिन यानी 30 सितंबर को आयकर कार्यालय आधी रात तक खुला रहेगा. आइडीएस का लाभ उठाने वालों का नाम पूरी तरह गुप्त रहेगा. एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मी घूस या गलत तरीके से कमाये गये धन को इस योजना के तहत व्हाइट नहीं कर सकते. धनबाद परिक्षेत्र जिसमें धनबाद, गिरिडीह के अलावा संताल परगना के छह जिले शामिल हैं के लगभग दो दर्जन लोग आइडीएस के तहत अपना काला धन को व्हाइट कर चुके हैं. बातचीत के दौरान अपर आयकर आयुक्त एस दासगुप्ता, सहायक आयुक्त डीसी विश्वास, आयकर अधिकारी एसके दिवाकर, एस पोद्दार भी मौजूद थे.
फर्जी कैपिटल मनी देने वालों पर नजर
प्रधान आयकर आयुक्त ने कहा कि धनबाद में फर्जी तरीके से कैपिटल मनी देने वाले पर विभाग की कड़ी नजर है. इस मामले में 21 लोगों को नोटिस दिया गया है. कई अन्य लोगों पर नजर है. कहा कि ऐसे लोग फर्जी तरीके से कंपनी चला रहे हैं. ब्लैक मनी ले कर उन्हें शेयर दे कर कैपिटल मनी उपलब्ध करा दिया जाता है. बदले में कमीशन लिया जाता है. इसका खुलासा वर्ष 2015 में कोलकाता में कैलाश ऑटो, यूनो इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों में आयकर छापामारी के दौरान हुआ था.
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