धनबाद : जन्माष्टमी को लेकर कोयलांचल के मंदिरों में जोरदार तैयारी है. मंदिरों-ठाकुरबाड़ी में आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी है. ताजे फूलों से मंदिरों को सजाया जा रहा है. भाद्र मास कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाये जानेवाला त्योहार जन्माष्टी 25 अगस्त को है. ऋृषिकेष पंचांग के अनुसार –
भूइफोड़ मंदिर के पुजारी सुरेश पांडे बताते हैं कि 24 अगस्त को रात्रि 12.46 से अष्टमी प्रारंभ हो रही है, जो 25 अगस्त रात्रि 10.12 तक रहेगा. भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. रोहिणी नक्षत्र 25 अगस्त को दोपहर 3.20 से प्रारंभ हो रहा है, जो 26 अगस्त को दोपहर 1.40 तक रहेगा. भगवान का जन्मोत्सव रोहिणी नक्षत्र में मनाया जायेगा, जो शुभ फलदायक है.
मिथिला पंचांग के अनुसार पंडित गुणानंद झा ने बताया कि 24 अगस्त 12.54 मिनट से अष्टमी प्रारंभ हो रहा है, जो 25 अगस्त रात्रि 10.30 बजे तक रहेगा. रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनायी जायेगी, जो शुभ फल देनेवाला है. वैष्णव लोग 26 को जन्माष्टमी मनायेंगे.
इन मंदिरों में होगी खास पूजा : धनसार स्थित श्री श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर आरपीएफ कैंप मंदिर में जन्माष्टमी पूजा को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है. मंदिर के पुजारी सिद्धेश्वर पाठक ने बताया कि 25 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव और 26 को नंदोत्सव मनाया जायेगा. छह दशक से मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. 30 अगस्त को कान्हा की छठियारी मनायी जायेगी. शक्ति मंदिर में भी विद्युत सज्जा की गयी है.
जन्माष्टमी के दिन मंदिर को ताजा फूलों से सजाया जायेगा. कृष्ण-राधा को नये कपड़े पहनाये जायेंगे. फूलों से उनका शृंगार किया जायेगा. कमेटी के सदस्य पूजा के यजमान होंगे. मंदिर के पुरोहित मुकेश पांडे एवं राधेश्याम पांडे द्वारा पूजन कराया जायेगा. भूईंफोड़ मंदिर में गुरुवार को रात्रि 10 बजे कान्हा का जन्मोत्सव मनाया. माखन मिसरी लुटायी जायेगी. भजन कीर्तन होगा. खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी मनोज पांडे ने बताया त्योहार मनाने की तैयारी की जा रही है. रात्रि में पूजा-अर्चना होगी. रात्रि में भगवान का जन्मोत्सव मनाया जायेगा.
ऐसे करें पूजन
पंडित गुणानंद झा बताते हैं 25 अगस्त को निर्जल उपवास करें. रात्रि में भगवान की अाराधना करें. धूप दीप जलायें. पंचामृत खीर, धनिया का चूरण भोग लगायें. भजन कीर्तन करें. कान्हा के जन्म के बाद माखन मिसरी लुटायें.