धनबाद: कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. सच्ची लगन, ईमानदारी व मेहनत के साथ किये गये काम में आनंद मिलता है. डॉक्टर बनने की इच्छा थी. इसकी तैयारी के दौरान एयरफोर्स में वैकेंसी आयी.
परीक्षा दिया और पहली बार में सफलता मिली. पहला जॉब था, इसलिए छोड़ नहीं पाया. नौकरी के साथ तैयारी करता रहा. वर्ष 2011 में एक साथ चार बैंकों का पीओ निकाला, लेकिन एसबीआइ में ज्वाइन किया. बैंक के जॉब से काफी संतुष्ट हूं. हमारे समय में शिक्षा ऋण नहीं था, लेकिन सरकार की पहल पर आज गरीब स्कॉलर छात्र भी हायर एजुकेशन प्राप्त कर रहे हैं. जरूरतमंद को लोन देने में हार्दिक खुशी मिलती है.
प्राइवेट बैंक के आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ी : प्राइवेट बैंक के आने के बाद प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ी है. अगर आपमें कुछ अलग प्रतिभा नहीं है तो मार्केट में टिक नहीं पायेंगे. बैंक में डेबिट व क्रेडिट ही नहीं होता बल्कि मर्चेट बैंकिंग, इंटरनेशनल बैंकिंग की तरह यहां सभी सुविधा मिलती है. नयी तकनीक आयी है. एडवांस तकनीक को समझने व उसका उपयोग करने में नये लड़के को लाना जरूरी है. अब यह सरकारी नौकरी नहीं रही. अब यहां कदम-कदम पर चैलेंज है.