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ढुलू महतो समेत छह का सफाई बयान दर्ज

धनबाद : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने, पुलिस की वर्दी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार की अदालत में हुई. आरोपित भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो, बसंत शर्मा, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो व गंगा साव हाजिर थे. सहायक […]

धनबाद : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने, पुलिस की वर्दी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार की अदालत में हुई. आरोपित भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो, बसंत शर्मा, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो व गंगा साव हाजिर थे. सहायक लोक अभियोजक सोनी कुमारी भी मौजूद थी. अदालत ने दंप्रसं की धारा 313 के तहत आरोपियों का सफाई बयान दर्ज किया.

सभी आरोपियों ने आरोप से इनकार करते हुए अपने को निर्दोष बताया. ढुलू महतो ने अपने सफाई बयान में कहा कि इस घटना के पूर्व बरोरा के थानेदार रामनारायण चौधरी व डीएसपी संजीव कुमार के विरुद्ध प्रधानमंत्री से लेकर राज्य सरकार से लिखित शिकायत की थी कि दोनों पुलिस अधिकारी मिलकर कोयले की चोरी करवा रहे हैं. इसी से नाराज होकर उन लोगों ने मुझे झूठे केस में फंसाया है. मै बिलकुल निर्दोष हूं. अदालत ने बचाव साक्ष्य के लिए अगली तिथि 11 अप्रैल 16 मुकर्रर कर दी. मामला 12 मई 13 का है. यह कतरास थाना कांड संख्या 120/13 से संबंधित है.

अपहरणकर्ता को उम्रकैद
फिरौती के लिए अपहरण के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने भिश्तीपाड़ा निवासी निरंजन कुमार सिंह को भादवि की धारा 364ए में दोषी पाकर सश्रम उम्र कैद व बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सजा के बिंदु पर अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बहस की. अदालत ने 30 मार्च को आरोपी को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था.
क्या है मामला : 27 अक्तूबर 13 को हीरापुर तेलीपाड़ा निवासी दिलीप कुमार महतो शाम चार बजे कहीं घूमने गया. जब वह घर वापस नहीं आया तब उसके परिजन खोजबीन करने लगे. किसी ने मोबाइल पर 25 लाख फिरौती की मांग की. फिरौती नहीं देने पर जान से मार देने की धमकी दी गयी. तब दिलीप के बड़े भाई शंकर महतो ने 29 अक्तूबर को धनबाद थाना में कांड संख्या 1052/13 दर्ज कराया. केस के आइओ दशरथ महतो ने 23 दिसंबर 13 को आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. अभियाजन ने 8 गवाहों का परीक्षण कराया.
एफआरटी का विरोध
एकमत होकर साजिश के तहत रंजीत कुमार मंडल की हत्या के मामले में गुरुवार को सूचक राम लखन मंडल ने अपने निजी अधिवक्ता जावेद के मार्फत एक आवेदन देकर आइओ दुम्बी राम तिरिया द्वारा कोर्ट में तथ्य की भूल दिखाते हुए एफआरटी सौंपे जाने का जोरदार विरोध किया. इस मामले की सुनवाई अवर न्यायाधीश सह न्यायिक दंडाधिकारी दिनेश कुमार मिश्रा की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई के बाद निरसा पुलिस को इस मामले में अग्रतर अनुसंधान कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
साथ ही पूरे अनुसंधान की मानीटरिंग करने का आदेश एसएसपी धनबाद व डीआइजी बोकारो को दिया. विदित हो कि आरोपियों ने इस घटना को अंजाम 30 जुलाई 15 को दिया था. रंजीत का शव मैथन डैम के पास मिला था.

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