याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार
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ढुलू को हाइकोर्ट से जमानत, आज निकलेंगे बाहर खबरें अदालत की
याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार निचली अदालत ने सुनायी है एक साल की सजा धनबाद : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्रा की अदालत ने बुधवार को विधायक ढुलू महतो की अोर से दायर क्रिमिनल रिव्यू याचिका पर सुनवाई के बाद जमानत की सुविधा प्रदान कर दी. प्रार्थी को जमानत पर रिहा करने का आदेश […]
निचली अदालत ने सुनायी है एक साल की सजा
धनबाद : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्रा की अदालत ने बुधवार को विधायक ढुलू महतो की अोर से दायर क्रिमिनल रिव्यू याचिका पर सुनवाई के बाद जमानत की सुविधा प्रदान कर दी. प्रार्थी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पैरवी की. प्रार्थी ढुलू महतो ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ रिव्यू याचिका दाखिल की है. निचली अदालत द्वारा उन्हें एक साल की सजा सुनायी गयी है.
नहीं पहुंचा था आदेश का फैक्स : शाम पांच बजे तक आदेश का फैक्स धनबाद कोर्ट नहीं पहुंचा था. ढुलू समर्थक कोर्ट परिसर से लेकर जेल गेट तक जमे रहे. हाइकोर्ट से आदेश का फैक्स आते ही निचली अदालत उन्हें रिहा कर देगी. गुरुवार को वह रिहा हो सकते हैं. विदित हो कि विधायक ढुलू महतो ने मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी मो. उमर की अदालत ने सरेंडर किया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
ढुलू के दूसरे मामले की सुनवाई : डंपर के धक्के से वकील महतो नामक व्यक्ति की हुई मौत के विरोध में सड़क जाम कर आवागमन ठप करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में सुनवाई बुधवार को अवर न्यायाधीश सप्तम डीके मिश्रा की अदालत में हुई. अदालत में अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक हरेश राम कोई गवाह नहीं प्रस्तुत कर सके. अब इस मामले में सुनवाई 31 मार्च 16 को होगी. आरोपियों ने इस घटना को अंजाम 6 जून 06 को दिया था. बरोरा के तत्कालीन थानेदार बीडी सिंह ने ढुलू महतो समेत आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
रेल अधिकारी ने हथकड़ी लगाने का किया विरोध : रिश्वतखोरी मामले में जेल में बंद चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर चंद्रभानु तिवारी ने बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सचिंद्र कुमार पांडेय की अदालत में एक पिटिशन दायर कर हाजत से कोर्ट ले जाने के दौरान हथकड़ी लगाने का विरोध किया है. सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक सरबत जाफरी ने बहस की. अदालत ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. अभियुक्त द्वारा दायर पिटिशन में जिक्र किया गया है कि वह एक राजपत्रित पदाधिकारी है. हथकड़ी लगाना कष्टदायक है. इसमें एआइआर 1980 सुप्रीम कोर्ट के रिपोर्टेड केस प्रेमशंकर शुक्ला बनाम दिल्ली प्रशासन का भी हवाला दिया गया है.
बगैर गवाही दिये वापस लौटे जैप फोर के कमांडेंट : फर्जी ढंग से बैंक में कंप्यूटर पर पासवर्ड यूज कर लाखों रुपये अपने खाते में डाल देने के एक चर्चित मामले की सुनवाई बुधवार को न्यायिक दंडाधिकारी बीके लाल की अदालत में हुई. अदालत में केस के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय-2 और वर्तमान में जैप फोर के कमांडेंट (जमशेदपुर) शैलेंद्र कुमार वर्णवाल गवाही देने पहुंचे, लेकिन केस के सूचक चंद्रमूर्ति बरियार के नहीं पहुंचने के कारण उनकी गवाही नहीं हो सकी.
क्या है मामला : 24 जून 06 को रेलवे क्रॉसिंग चिरकुंडा निवासी सुमित कुमार अग्रवाल ने फर्जी ढंग से 13 लाख 20 हजार रुपये अपने खाते में डाल दिया. इलाहाबाद बैंक कुमारधुबी के शाखा प्रबंधक चंद्रमूर्ति बरियार ने चिरकुंडा थाना में अग्रवाल को खिलाफ कांड संख्या 144/06 दर्ज कराया.
फहीम के पुत्र इकबाल खान की जमानत पर सुनवाई : वासेपुर आरा मोड़ के सार्वजनिक स्थल पर अंधाधुंध फायरिंग करने के मामले में जेल में बंद फहीम के पुत्र इकबाल खान की ओर से जमानत अर्जी पर सुनवाई बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चौदह रवींद्र कुमार की अदालत में हुई. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद केस डायरी की मांग की.
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